नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध करने वालो की आलोचना करने पर सेना प्रमुख लगातार घिरते नज़र आ रहे हैं। केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद टीएन प्रथपन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिख कर सेना प्रमुख बिपिन रावत को हटाने की मांग की है।

प्रथपन के मुताबिक बिपिन रावत ने सैन्य कर्मियों के लिए तय की गयी आचार सहिंता का उल्लंघन किया है, जिस कारण उन्होंने राष्ट्रपति से सेना प्रमुख के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने का अनुरोध किया है।

सेना प्रमुख ने बीते 26 दिसम्बर को एक कार्यकर्म में नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करने वालो पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “नेता वह नहीं जो गलत दिशा में लोगो का नेतृत्व करे।” जिसके बाद तमाम नेताओं और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुए कहा ये सेना की आचार सहिंता का उल्लंघन है।

कांग्रेसी सांसद ने सेना प्रमुख के इस बयान को भाजपा के दबाव का नतीज़ा बताया है जिससे साफ़ जाहिर होता है कि, सेना प्रमुख ने राजनीतिक संगठनों के दबाव में बयान देकर अपनी सारी हदें पार कर दी।

बता दें कि, सेना के कानून की धारा 21 में सेना के अफसर या सेना के जवान को किसी भी राजनीतिक पार्टी या उसके द्वारा आयोजित सभा में हिस्सा लेने पर पाबंदी है। वहीं राजनैतिक मुद्दे पर प्रेस से बात करने या टिप्पणी करने पर भी मनाही है। लेकिन सेना प्रमुख का यह बयान इस नियम का उल्लंघन करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here