मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लग चुकी है। यह आरक्षण पहले से दिए जा रहे 49.5 फीसदी आरक्षण से अलग होगा। यानी अब कुल आरक्षण 59.5 फीसदी होगा। सवर्ण आरक्षण भी पहले से दी जा रही आरक्षण की तरह सरकारी नौकरी और उच्चशिक्षा में लागू होगी।

हालांकि सवर्ण आरक्षण को लागू करवाना आसान नहीं है। कई पार्टियां इस आरक्षण का विरोध कर रही है लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने समर्थन किया है।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि हम रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण के पक्ष में तो है लेकिन मूलभूत सवाल ये है कि मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देगी कब?

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बेरोजगारी, नोटबंदी, जीएसटी पर सवाल तो उठाए लेकिन सवर्ण आरक्षण का समर्थन किया। यानी अगर बीजेपी सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए ससंद में बिल लाती है तो कांग्रेस समर्थन करेगी।

अगर 15% सवर्णों को 10% आरक्षण मिलेगा तो 70% आबादी वाले पिछड़ों को भी 65% आरक्षण मिले : RJD

कांग्रेस पहले से राहुल गांधी को जनेऊधारी साबित करने में लगी हुई है ऐसे में बीजेपी के इस फैसला का समर्थन करना तो लाजमी था। वैसे बता दें कि सवर्ण आरक्षण का समर्थन करने वाली कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण का विरोध कर चुकी है।

1990 में वीपी सिंह की गैर-कांग्रेसी सरकार ने जब केंद्रीय सेवा की नौकरियों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया तब राजीव गांधी ने इस आरक्षण के खिलाफ लोकसभा में करीब तीन घंटे तक बोला था। राजीव गांधी मंडल कमीशन की पूरी रिपोर्ट को खारिज करना चाहते थे लेकिन पार्टी नेताओं की राय में अलग-अलग होने कारण वो ऐसा नहीं कर पाए।

हालांकि जिस मंडल कमीशन की सिफारिशों को वीपी सिंह ने 1990 में लागू किया, वह सिफारिश 1980 में ही कांग्रेस को सौंपी जा चुकी थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसे लागू नहीं किया।

राजीव गांधी से पहले जवाहरलाल नेहरू भी जातिगत आरक्षण का विरोध कर चुके हैं। मंडल कमीशन से पहले 1950 के दशक में संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत पिछड़ों की हालत पर विचार के लिए काका कालेलकर आयोग गठन किया गया था।

काका कालेलकर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछड़ों को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन नेहरू ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू ने सभी मुख्यमंत्रियों को यह चिट्ठी भी लिखी कि ‘मैं जाति के आधार पर आरक्षण के खिलाफ हूं।’

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