मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने के फैसले पर राष्ट्रीय जनता दल ने प्रतिक्रिया दी है। राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि ‘आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है, भाजपा के संविधान मनुस्मृति में होगा!

मोदी सरकार ने सवर्णों को एक और जुमला थमा दिया! भाजपा दलित पिछड़ा विरोधी चरित्र जाहिर! अगर 15% आबादी वालों को 10% आरक्षण मिलेगा तो 70% आबादी वाले पिछड़ों को भी 65% आरक्षण मिले!’

राजद ने अपने दूसरे ट्वीट में मोदी सरकार पर षडयंत्र के तहत जाति जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक न करने का आरोप लगाया है। ट्वीट में लिखा है

सवर्णों के आरक्षण पर बोले तेजस्वी- मोदी जी अगर ‘गरीबी’ दूर करनी है तो 15 लाख और नौकरी दे दीजिए

‘मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट इसीलिए सार्वजनिक नहीं की क्योंकि बहुजन समाज की आबादी इसके अनुसार 85% पाई गई! भौचक्की भाजपा इसी वास्तविकता को छुपा पिछड़ा दलित आदिवासी समाज की हक़मारी के लिए नए नए मनुवादी हथकण्डे अपना रही है! आज का जुमला उसी दिशा में एक कदम है!’

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले आरक्षण पर लिए गए इस फैसले को मोदी सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है। आरएसएस बहुत दिनों से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग कर रहा था।

आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों को दिया जाने वाला ये 10 फीसदी आरक्षण पहले से दिए जा रहे 49.4 फीसदी आरक्षण से अलग होगा।

ये आरक्षण भी पहले दी जा रही आरक्षण की तरह सरकारी नौकरी और शिक्षा में लागू होगी। मोदी सरकार इसे लागू करने के लिए संविधान में संसोधन कर सकती है। हालांकि ये आसान नहीं है।

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संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अभी तक SC को 15 प्रतिशत, ST को 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग यानि OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।

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