केंद्र की मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। लेकिन बीजेपी के अंदर ही इस फैसले को लेकर विरोध शुरू हो गया है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया है और इसे चुनावी जुमला बताया है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री हैं लेकिन उन्होंने बीजेपी के इस कदम का विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि…

अगर 15% सवर्णों को 10% आरक्षण मिलेगा तो 70% आबादी वाले पिछड़ों को भी 65% आरक्षण मिले : RJD

‘सवर्णों को 10 फीसदी कोटा देना एक चुनावी जुमला है। यह सिर्फ एक राजनीतिक कदम है। आखिर साढ़े 4 साल बाद ऐसा क्यों किया जा रहा है? यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि चुनाव पास हैं और सवर्ण, एससी/एसटी मुद्दे से नाराज हैं।’

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले आरक्षण पर लिए गए इस फैसले को मोदी सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है। आरएसएस बहुत दिनों से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग कर रहा था।

आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों को दिया जाने वाला ये 10 फीसदी आरक्षण पहले से दिए जा रहे 49.4 फीसदी आरक्षण से अलग होगा।

ये आरक्षण भी पहले दी जा रही आरक्षण की तरह सरकारी नौकरी और शिक्षा में लागू होगी। मोदी सरकार इसे लागू करने के लिए संविधान में संसोधन कर सकती है। हालांकि ये आसान नहीं है।

संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अभी तक SC को 15 प्रतिशत, ST को 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग यानि OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।

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