देश में एक पार्टी है जो रात-दिन गाय के नाम पर चुनावों में वोट मांगती-फिरती है। भाजपा ने इन पांच सालों में गाय के नाम पर लोगों के बीच नफरत पैदा कर अपनी राजनितिक रोटियां जमकर सेंकी है। देश में आये दिन गाय से जुड़े अपराध हो रहे है। झूठ और शक के आधार पर कइयों को अपनी जान गवानी पड़ी है।

पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने चरमपंथी संगठनों को अपनी शह पर पसरने का मौका दिया। जिन्होंने अलग-अलग राज्यों में भीड़ बन कर कितनों की जान ले ली। दरअसल यूपी में भाजपा की सरकार है और योगी आदित्यनाथ की राजनीति गाय पर ही केंद्रित है। गाय के लिए अपने राज्य में उन्होंने आश्रय स्थलों को खुलवाया।

जिसको लेकर चुनाव में जनता के बीच वह खूब वोट मांगते फिरते हैं। गाय का मुद्दा बनाकर योगी ने बहुत बार मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसात्मक बोल भी बोले हैं। अभी मामला यह है की इनके आश्रय स्थल में न गाय को खाने के लिए चारा है न पीने के लिए पानी है।

योगीराजः बुलंदशहर की गौशाला में हर रोज मर रही है 4 गाय, लाशों को खा रहे चील, कौए और कुत्ते

गांव कनेक्शन के मुताबिक, इन गौशालाओं में गाय, बछड़े भूखे प्यासे अपनी जान गवां रहे हैं। वहां के लोगों का कहना है की, “यहां तड़प-तड़प कर मरने से अच्छा ये गाय बूचड़खाने में चली जाती और एक बार में कट कर मर जातीं। कम से कम उनकी यह हालत तो न होती। गोवंश आश्रय खोलने की शुरुआत जनवरी 2019 में हुई थी।

10 जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में आश्रय खोलने के निर्देश दिए गए। सरकार ने इसके लिए 200 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। इस योजना के अनुसार जिले के छुट्टा पशुओं को पकड़कर इन गोशालों में रखा जाएगा। इन पशुओं की गणना के लिए टैगिंग, साड़ों का बधियाकरण किया जाना था, ताकि नस्ल खराब न हो।

ग्राम पंचायतों की बेकार, ऊसर और चरागाह की जमीन पर कटीले तारों की फेसिंग, चारा, पानी का इंतजाम और रखरखाव होना था। लेकिन गोशालाएं खुलने के 4 महीने में ये अव्यवस्था का शिकार हो गई हैं। अब लाखों गाय और बछड़े धीमी मौत मर रहे है, जिंदा गायों की आंखें कौए नोंच रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here