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फर्ज़ी एनकाउंटर करने वाली यूपी पुलिस बनी ‘लुटेरी’ ! पुलिस, हाईवे पर दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल को लूटा
उत्तर प्रदेश पुलिस की बदनामी करने में खुद यूपी पुलिस के जवान शामिल होकर चार चांद लगा रहे हैं। विकास दुबे और उसके जैसे खूंखार अपराधियों के सामने नतमस्तक रहने वाली यूपी पुलिस अब निर्दोष लोगों को अपना शिकार बना रही है। वहीं जिस पुलिस पर त्याहारों के समय आम जनता को सुरक्षा मुहैया कराने का दारोमदार होता है। अब वही यूपी पुलिस सड़कों की लुटेरी पुलिस बन गई है।
दरअसल, बकरीद आने में कुछ ही समय शेष बचा है, लोग त्योहार की खरीददारी में लगे हुए हैं। ग़ाज़ियाबाद के मुरादाबाद निकासी फिरोज़ अहमद दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल हैं। फिरोज़ गौतमबुद्धनगर के झेवर से दो बकरे खरीद कर अपने घर मुरादनगर लौट रहे थे। तभी एक्सप्रेस वे पर फिरोज़ का पीछा करते हुए यूपी पुलिस के दो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया।
उन्होंने फिरोज़ को उनकी गाड़ी से उतरने का इशारा किया, जब फिरोज़ अपनी गाड़ी से नीचे उतरे तो दोनों पुलिसवाले गाड़ी की तलाशी करने लगे। फिरोज़ ने उन्हें बताया कि वो दो बकरे कुर्बानी के लिए लेकर अपने घर लौट रहे हैं।
पीड़ित फिरोज़ के मुताबिक, लूटपाट करने वाले यूपी पुलिस के जवान सब इंस्पेक्टर रामकिशोर और एक कांस्टेबल था, जिसका नेम प्लेट नहीं था। ये दोनों पुलिसवालों फिरोज़ के साथ गाली-गलौज करने लगे। बकरों के अवैध धंधे का आरोप लगाने लगे।
फिरोज़ ने उन्हें बताया कि मैं दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल हूँ। जैसे ही फिरोज़ ने अपना पर्स निकाल कर आईडी कार्ड दिखाना चाहा, पुलिसवालों ने उनका पर्स छीन लिया। पर्स छीन कर फिरोज़ को दोनों यूपी पुलिस के जवान पीटने लगे।
पीड़ित के विरोध करने पर दोनों पुलिसवाले कहने लगे हम कासना थाने से हैं जो करना है थाने आकर कर लेना। फिरोज़ ने घटना के दौरान अपने भाई को फोन करके जानकारी दी। इस बातचीत की सारी रिकॉर्डिंग फिरोज़ के पास है। पीड़ित दिल्ली पुलिस के जवान कॉन्स्टेबल फिरोज़ अहमद ने कई थानों के चक्कर लगाने के बाद गौतमबुद्धनगर के कमिश्नर को पूरी घटना की लिखित में शिकायत दी है।