मंगलवार की सुबह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जाने के लिए लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे। लेकिन अखिलेश यादव को फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया।
अखिलेश यादव ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कई ट्वीट किए हैं। सपा अध्यक्ष ने लिखा है ‘एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई-अड्डे पर रोका जा रहा है!’
अखिलेश यादव अपने दूसरे ट्वीट में लिखते हैं ‘बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकना का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है।’
अखिलेश को रोके जाने पर बोलीं मायावाती- तानाशाह BJP सपा-बसपा गठबंधन से डरकर बौखला गई है
बात जो भी रही हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री को इस तरह रोका जाना कई लोगों को सहज नहीं लग रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा है,
‘एक पूर्व सीएम को यूं जहाज पर चढ़ने से रोकने और प्रयाग न जाने देने की वजह कुछ भी हो लेकिन ये तरीका ठीक नहीं। फिर आप योगी के हेलीकॉप्टर को बंगाल में न उतारने की इजाजत पर हल्ला करने का हक खो देते हैं। आज आप रोकिए, कल कोई और रोकेगा।‘
एक पूर्व सीएम @yadavakhilesh को यूं जहाज पर चढ़ने से रोकने और प्रयाग न जाने देने की वजह कुछ भी हो लेकिन ये तरीका ठीक नहीं. फिर आप योगी के हेलीकॉप्टर को बंगाल में न उतारने की इजाजत पर हल्ला करने का हक खो देते हैं . आज आप रोकिए,कल कोई और रोकेगा. #AkhileshYadav https://t.co/gi5JBPM2ck
— Ajit Anjum (@ajitanjum) February 12, 2019
बता दें कि अखिलेश यादव को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ एनुअल फंक्शन में बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। RSS का छात्र संगठन ABVP लगातार इसका विरोध कर रहा था। सोमवार को यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ भवन के सामने बम भी फोड़े गए थे। बम किस संगठन या छात्र ने फोड़ा इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।
बम कांड के बाद यूनिवर्सिटी पूलिस छावनी में तब्दील हो गया है। अखिलेश यादव को रोके जाने के विवाद पर सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि,
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‘यूनिवर्सिटी ने खुद इस बारे में उनसे अनुरोध किया था कि सपा अध्यक्ष के दौरे से यहां छात्र संगठनों के बीच विवाद पैदा हो सकता है और कानून-व्यवस्था को लेकर हालात खराब हो सकते हैं। ऐसे में सरकार ने उन्हें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जाने से रोकने का फैसला किया।’