बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीते अपने छात्र नेता अंकिव बसोया को संगठन के सभी पदों से हटा दिया है।
इसके साथ ही एबीवीपी ने बसोया से डूसू अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है। अंकिव बसोया पर दिल्ली विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री के आधार पर दाखिला लेने के आरोप हैं।
एबीवीपी के प्रदेश महासचिव ने कहा कि बसोया की फेक डिग्री का मामला डूसू की छवि को ख़राब कर रहा है। इसलिए हम डीयू प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द इस मामले की जांच पूरी की जाए।
खटाना ने कहा कि अगर जांच में अंकिव दोषी पाए जाते हैं तो वह कानूनी कार्रवाई का सामना ज़रूर करेंगे। अंकिव बसोया ने सितंबर में डूसू चुनाव जीता था। इस जीत के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने बसोया की डिग्री के फेक होने का दावा किया था।
We have asked DUSU President Ankiv Baisoya to resign from his post and also expelled him from all the responsibilities of the organization till the inquiry is over (in fake degree case): Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad (ABVP) pic.twitter.com/6omJzXc5Dz
— ANI (@ANI) November 15, 2018
एनएसयूआई ने बसोया की डिग्री से जुड़े कई सबूत पेश करते हुए उन्हें अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए जाने की मांग की थी। इस मामले में एनएसयूआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की है।
अंकिव बसोया के ख़िलाफ़ एबीवीपी की इस कार्रवाई पर एनएसयूआई ने प्रतिक्रिया दी है। एनएसयूआई का कहना है कि एबीवीपी ने बसोया पर यह कार्रवाई फेक डिग्री मामले में 20 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के आने वाले फैसले के डर से की है।
कांग्रेस की संयुक्त सचिव और एनएसयूआई प्रभारी रुचि गुप्ता ने फिर से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर डीयू प्रशासन अंकिव बसोया की मदद करना जारी रखता तो वे लोग अदालत में जाएंगे।
रुचि गुप्ता ने कहा, “बसोया के पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह पर चलने के कारण हमें पूरा विश्वास है कि उनका बीजेपी में लंबा और सफल करियर होगा।”