हरिद्वार में हुए नफरती धर्म संसद को आज 10 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन अब तक इसके आयोजक यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

जबकि हरिद्वार के धर्म संसद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गोली मारने की धमकी के साथ-साथ हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए मुसलमानों का संहार तक की बात कही गई थी।

आखिर क्या वजह है कि डासना देवी मंदिर के कुख्यात पुजारी यति नरसिंहानंद पर ना उत्तराखंड की पुलिस दबिश दे रही है, ना उत्तर प्रदेश की पुलिस। क्या इसकी वजह भाजपा से उनकी नजदीकी है?

हाल में नरसिंहानंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर नजर आया है जिसमें वो खुद को योगी आदित्यनाथ का समर्थक बताते नजर आ रहे हैं। साथ ही सत्ता से मिलने वाले संरक्षण को भी स्वीकार रहे हैं।

नरसिंहानंद कहते हैं, योगीजी का हम समर्थन करते हैं। राजनीतिक में केवल एक व्यक्ति है जिसका हम समर्थन करते हैं। जब योगी जी को पता चला कि हम पर गुंडा एक्ट लग रहा है तो अफसरों को डांट पड़ी। और सारी कार्रवाई वापस हुई।”

योगी आदित्यनाथ को हिन्दुओं का रक्षक बताते हुए नरसिंहानंद आगे कहते हैं, ”योगी जी ने जिस तरह मुस्लिम माफियाओं का धूल धूसरित किया है, हम योगी जी के साथ हैं। अगर हिन्दुओं को जीवीत रहना है तो योगी जी को लाना पड़ेगा (उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के संदर्भ में)। अगर हिन्दुओं को जीवीत नहीं रहना तो आने दो मुल्लों को, आने दे मुलायम सिंह के चेलों को… फिर तो मौत है हिन्दुओं की। विकल्प ही नहीं है योगी के अलावा।”

अपनी आगे की बातचीत में नरसिंहानंद योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री बनाने की मंशा जाहिर करते हुए कहते हैं, ”फिलहाल मेरा केंद्र में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। मेरा इंट्रेस्ट योगी जी में है। योगी के साथ हैं। योगी जी मुख्यमंत्री बनेंगे। और हम तो कोशिश करेंगे कि 2024 में प्रधानमंत्री भी योगी जी ही बनें। और ऐसा हम सिर्फ चाहते नहीं हैं, बल्कि प्रयास भी करेंगे।”

अब सवाल उठता है कि जो व्यक्ति सत्ता के शीर्ष से अपने संबंध को स्वीकर करता है क्या उसके खिलाफ कार्रवाई करने का दुस्साहस पुलिस कर पाएगी? बहुसंख्यक हिन्दुओं का स्वघोषित ठेकेदार बना नरसिंहानंद अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कैम्पेन कर रहा है तो… सीएम योगी उसे क्यों गिरफ्तार करेंगे?

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