तेलंगाना में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के बाद एक बार फिर से महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। दिलचस्प बात तो ये है कि इस मुद्दे पर अब वह टीवी चैनल्स भी बहस कर रहे हैं, जो हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद पर डिबेट्स के लिए कुख्यात हैं।
एबीपी न्यूज़ ने भी अपने प्राइम शो में इस मुद्दे को जगह दी। चैनल की प्राइम एंकर रूबिका लियाक़त ने इस मुद्दे पर बड़े ही भावुक अंदाज़ में कई सवाल दागे। उन्होंने स्टूडियो में बैठे तमाम पैनलिस्ट्स से रोते हुए पूछा कि हम कब तक महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते रहेंगे और आप लोग प्रज्ञा ठाकुर पर लड़ेंगे? मंदिर और मस्जिद पर लड़ेंगे?
उन्होंने कहा, “मैं कब तक ये सवाल उठाती रहूंगी कि हिंदुस्तान की बच्चियां क्यों आज़ादी से घूम नहीं पाती हैं? इस मुल्क में जब वह जाती है तो उसे क्यों डर लगता है कि उसकी आंखे नोंच ली जाएंगी? क्यों? हम कब तक ये सवाल उठाते रहेंगे और आप लोग प्रज्ञा ठाकुर पर लड़ेंगे, मंदिर और मस्जिद पर लड़ेंगे?
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एंकर ने तमाम पैनलिस्ट्स से पूछा कि वह महिलाओं के लिए कितने दिन इस तरह से प्रदर्शन करते नज़र आए”? उन्होंने भावुक अंदाज़ में किए अपने इन सवालों से ये तो स्पष्ट कर दिया कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बात-विचार नहीं किया जा रहा। देश में बात होती है तो मंदिर-मस्जिद की। देश के मूलभूत मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की जा रही।
एंकर के ये सवाल बिल्कुल जायज़ हैं। बस जिससे करने चाहिए उससे नहीं किए जा रहे। एंकर को ये सवाल ख़ुद से और अपने चैनल से करना चाहिए? एंकर को ख़ुद और चैनल के मालिक से पूछना चाहिए कि वो महिला सुरक्षा के मुद्दे को उठा कर पत्रकारिता धर्म क्यों नहीं निभा रहे? क्यों उनके चैनल पर मंदिर-मस्जिद की बहस को प्राथमिकता दी जा रही है?
एंकर ने अपने सवालों की शुरुआत में ही ये स्थापित करने की कोशिश की कि वह और उनका चैनल इस मुद्दे को लगातार और बार-बार उठाता रहा है। लेकिन चैनल और उनके हाल के प्रोग्राम्स को देखें तो हिंदू-मुस्लिम से जुड़े मुद्दों की अधिकता के सामने महिला सुरक्षा का मुद्दा कहीं नज़र नहीं आता।
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ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट कर रूबिका लियाक़त के चार महीने के लाइव सेशन्स का ब्योरा दिया है। ज़ुबैर के मुताबिक, अगस्त से नवंबर महीने तक रूबिका ने 53 लाइव सेशन्स किए हैं। जिसमें एक भी महिला सुरक्षा के मुद्दे पर नहीं है। जबकि उनके इन लाइव सेशन्स में बग़दादी, पाकिस्तान और अयोध्या पर चर्चा की गई।
Rubika liyaquat ma'am says, all are talking about Sadhvi Pragya, mandir maajid etc but no one talking about women security..
In last 53 live sessions from August to November, She did zero session on Women security, despite there were several gruesome rapes which were reported. https://t.co/3K8L6j8bUl pic.twitter.com/SGoPKCqRYS— Mohammed Zubair (@zoo_bear) December 1, 2019