पत्रकार सबा नक़वी ने 2015 की एक ख़बर को शेयर करते हुए अक्टूबर 2018 में दावा किया कि हमीरपुर में दलित पर ये अत्याचार अभी हुआ है। जहां मंदिर में प्रवेश के चलते उसे कुल्हाड़ी से काट दिया गया है।

 

उनकी प्रतिक्रिया के आधार पर बनाई गई खबर के बारे में बाद में पता चला कि दावा निराधार है, घटना 2015 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुई थी। क्योंकि बोलता हिंदुस्तान तथ्यात्मक पत्रकारिता को लेकर प्रतिबद्ध है इसलिए कथित पत्रकार के दावों से उलट घटना का सही विवरण पेश किया जा रहा है, जो कुछ इस प्रकार है।

घटना उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की है। खास बात ये है कि 2018 की नहीं, 2015 की है। हमीरपुर में एक 90 वर्षीय बुजुर्ग को गांव के कथित ऊंची जाति के दबंग ने काटकर जला दिया। दलित बुजुर्ग की ‘गलती’ सिर्फ इतनी थी कि वो मंदिर में प्रवेश करने जा रहा था।

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संजय नाम के जातिवादी ने पहले दलित बुजुर्ग को मंदिर जाने से रोका। लेकिन जब वो नहीं माने तो आरोपी ने बुजुर्ग को कुल्हाड़ी से काट दिया। इतनी ही नहीं इसके बाद शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर जला भी दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हमीरपुर के इस गांव में दलितों का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। मृत बुजुर्ग तीर्थ के लिए जाने वाले थें और इसलिए अंतिम बार भगवान के दर्शन करना चाहता थें।

ख़ैर, पुलिस ने तभी मामला दर्ज कर लिया था और आरोपी गिरफ्तार हो कर लिया गया था।

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