लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश में चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं। क्योंकि पूर्वांचल की राजनीति को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काट अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने निकाल ली है। अखिलेश यादव ने खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

अखिलेश के आज़मगढ़ से चुनाव लड़ने से भाजपा खेमे की परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि एक तो अखिलेश के आज़मगढ़ से चुनाव लड़ने की वजह से पूरे पूर्वांचल की सीटों पर असर पड़ेगा। दूसरा आज़मगढ़ का सियासी समीकरण कुछ ऐसा बन रहा है जिससे अखिलेश यादव की जीत यहाँ से लगभग तय मानी जा रही है।

यूपी में सपा-बसपा का गठबंधन हो चूका है। राज्य में दोनों पार्टियाँ क्रमशः 37-38 सीटों पर लड़ रही हैं। सीट बंटवारे में आज़मगढ़ सीट सपा के खाते में आई है। जिले में लगभग 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, लगभग 26 प्रतिशत दलितों की आबादी है और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी मात्र में यादवों की आबादी है जो पारम्परिक तौर पर सपा-बसपा का वोटर माने जाते हैं। इस तरह से आज़मगढ़ के समीकरण गठबंधन के पक्ष में आते दिख रहे हैं।

बता दें कि 2014 की मोदी लहर में भी आज़मगढ़ से तब के सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 63204 वोट से जीत दर्ज की थी। फिर इस 2019 के चुनाव में मोदी लहर लौट पाना न बराबर है। इसीलिए इस बार माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के लिए ये सीट एकतरह से सुरक्षित सीट है। भले ही ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि यहाँ से भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को टिकट देगी और वो अखिलेश को मात देने में कामयाब हो जाएंगे!

अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की वजह से ये सीट अब वीआईपी सीट बन चुकी है। यह तो अब समय ही बताएगा कि आज़मगढ़ से अपनी फिल्मों के जरिए लोकप्रियता हासिल करने वाले निरहुआ जीतेंगे या अखिलेश यादव जीत हासिल करेंगे!

ट्वीटर पर आज़मगढ़ से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की खबर वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने शेयर की है। इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता आईपी सिंह जो आज़मगढ़ से ही आते हैं ने लिखा है कि,

“आजमगढ़ से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री या भाजपा का कोई नेता अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ ले, यहाँ की जनता उन्हें धूल चटा देगी। भाजपा केक लोग डरपोक होते हैं। सिर्फ सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ते हैं। राजनाथ सिंह आजतक अपने गृह जनपद से चुनाव नहीं लाडे हैं। यूपी में भाजपा इकाई में रहेगी।”

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