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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मज़बूत कानून व्यवस्था के दावों के बावजूद उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। अब शामली में एक युवक की पुलिस के सामने बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
घटना थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव हथछोया की है। जहां राजेंद्र कश्यप नाम के एक युवक का गांव के दूसरे लोगों से विवाद हो गया था। बताया जा रहा है कि राजेंद्र कश्यप नशे में था जब गांव के कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की। मारपीट की ख़बर मिलते ही मौके पर पहुंच गई और राजेंद्र को पीसीआर वैन में बिठाकर ले जाने लगी।
लेकिन भीड़ ने राजेंद्र को जाने नहीं दिया और पुलिस वैन से बाहर निकालकर फिर से पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस की लापरवाही को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। भीड़ पुलिस के सामने राजेंद्र को पीट रही थी और पुलिस मूकदर्शक बनी देख रही थी।
यह मामला दो समुदायों से जुड़ा है इसलिए इसपर सियासत भी शुरु हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस घटना को लेकर बेहद भड़काऊ ट्वीट किया है। उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये यूपी के शामली की घटना है जहाँ 6 मुस्लिम लड़को ने एक हिन्दू लड़के को पुलिस की गाड़ी से जबरन बाहर निकाला और फिर उसकी मोब लीनचिंग की गई”।
उन्होंने आगे लिखा, “अब अगर कोई इन्टॉलरंस गैंग या इन्टॉलरंस पर ज्ञान देने वाला मिले तो पूछियेगा की कठुआ के बाद उनका जमीर मर गया या बिक गया”?
ये यूपी के शामली की घटना है जहाँ 6 मुस्लिम लड़को ने एक हिन्दू लड़के को पुलिस की गाड़ी से जबरन बाहर निकाला और फिर उसकी मोब लीनचिंग की गई ।
अब अगर कोई इन्टॉलरंस गैंग या इन्टॉलरंस पर ज्ञान देने वाला मिले तो पूछियेगा की कठुआ के बाद उनका जमीर मर गया या बिक गया ?? pic.twitter.com/aPTGZNi0LH— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 28, 2018
केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट के बाद अब सवाल यह उठता है कि आख़िर वह इससे साबित क्या करना चाहते हैं? क्या वह इसके ज़रिए यह बताना चाहते हैं कि उनकी ही पार्टी के शासन वाले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि वहां पुलिस के सामने ही भीड़ किसी की हत्या कर सकती है?
शायद गिरिराज इस घटना में हिंदू-मुस्लिम एंगल को देखते हुए ट्वीट करने में थोड़ी जल्दबाज़ी कर गए। वह भूल गए कि यह घटना बंगाल की नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की है जहां उनके फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की सरकार है।
इसलिए पुलिस के अच्छे कामों के लिए ख़ुद की पीठ थपथपाने वाली योगी सरकार को पुलिस की मौजूदगी में हुई इस घटना की ज़िम्मेदारी भी लेनी होगी।