बीजेपी ने साल 2002 में हुए गोधरा कांड में शामिल आरोपी मितेश पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसा सिर्फ BJP में ही हो सकता जहां एक दंगा भड़काने वाले शख्स को जननेता बनाने की कोशिश की जा रही हो।

चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में पटेल ने खुद बताया है कि उनके खिलाफ धारा 147 (दंगे), 149 (दंगे, घातक हथियार रखने), 436 (आगजनी), 332 (नौकरशाह को डराने के लिए चोट पहुंचाना), 143 (गैरकानूनी सभा) और 380 (चोरी) के तहत जैसे मामले दर्ज हैं।

उन्होंने बताया है कि आणंद जिले के वसाड पुलिस थाने में 2002 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पटेल दंगों, पथराव, चोरी, आगजनी में शामिल होने समेत अन्य आरोपों में लिप्त हैं।

पटेल ने यह भी बताया कि आणंद सत्र अदालत ने उन्हें साल 2010 के सितंबर महीने में उन्हें बरी कर दिया था। मगर उनका मामला फिलहाल गुजरात उच्च न्यायालय में है क्योंकि राज्य सरकार ने उनको बरी करने के खिलाफ 2011 में एक याचिका दायर की थी।

BJP ने उन्हें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के खिलाफ मध्य गुजरात की आणंद लोकसभा सीट से उतारा है। BJP ने ऐसा पहली बार नहीं किया है वो कई बार गंभीर आरोपों में लिप्त नेताओं को विधानसभा चुनावों में भी टिकट देती रही है।

चाहे वो उत्तर प्रदेश हो या गुजरात BJP दंगाइयों को अपना उम्मीदवार बनाने में पीछे नहीं हटती है। ADR की रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों में सबसे अधिक अपराधी BJP में शामिल है।

रिपोर्ट के अनुसार, 33 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। शामिल 106 सांसदों के खिलाफ मर्डर, सांप्रदायिक झगडे उकसाने, किडनैपिंग और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।

जबकि 10 सांसदों पर हत्या के मामले घोषित हैं। इस सूची में बीजेपी के 4 सांसदों के नाम हैं। जबकि कांग्रेस, आरजेडी, एनसीपी और एलजेपी के एक-एक सांसद मौजूद हैं। 14 सांसदों के खिलाफ सांप्रदायिक अशांति फ़ैलाने के मामले हैं।

यानी कि बीजेपी अपराधी या गंभीर मामलों में आरोपी को अपना उम्मीदवार बनाते रही है। इस लिस्ट में 10 सिटिंग एमपी बीजेपी के हैं। एक-एक एमपी टीआरएस, पीएमके, आल-इंडिया मजलिस-ऐ-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और एआईयूडीएफ के हैं।

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