मोदी सरकार के विवादित नागरिकता कानून के प्रस्ताव को पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों ने खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के हिन्दू, सिख व ईसाई समुदाय ने कानून को समाज को बांटने और मानाधिकारों का उल्लघंन करने वाला बताया है।
पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों द्वारा भारत के नागरिकता कानून का विरोध किए जाने पर बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने प्रतिक्रिया दी है। (Pakistan opposed CAA Swara Bhaskar reacted) उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा, “जिनके नाम पर पूरे देश को ****** बनाया जा रहा है और नफ़रत फैलायी जा रही है.. उन्हें हमारी ख़ैरात चाहिए ही नहीं! छीछालेदर!”
जिनके नाम पर पूरे देश को ****** बनाया जा रहा है और नफ़रत फैलायी जा रही है.. उन्हें हमारी ख़ैरात चाहिए ही नहीं!!!! छीछालेदर!!! ??????????? #propagandafail https://t.co/XRwanzds7X
— Swara Bhasker (@ReallySwara) December 17, 2019
पाकिस्तानी अख़बार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के मुतबिक़, पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के पैट्रन राजा असर मंगलानी ने कहा, “पाकिस्तान का हिंदू समुदाय एकमत से इस कानून को खारिज करता है। यह भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के समान है”।
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उन्होंने पाकिस्तान के पूरे हिंदू समुदाय की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश देते हुए कहा कि एक सच्चा हिंदू कभी भी समाज को बांटने वाले कानून का समर्थन नहीं करेगा। इसके साथ ही उन्होंने इस कानून को भारत के संविधान के ख़िलाफ़ बताया।
हिन्दुओं के साथ ही पाकिस्तान के ईसाई समुदाय ने भी इस कानून का विरोध किया। पाकिस्तान के ईसाई सांसद अनवर लाल दीन ने कहा कि यह कानून समुदायों को एक-दूसरे से लड़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि यह कानून मूल मानवाधिकारों के खिलाफ है। हम इसे स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।
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वहीं पाकिस्तान के सिख समुदाय की बात करें तो उन्होंने भी इस कानून के प्रस्ताव को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। सिख नेता गोपाल सिंह ने कहा कि सिर्फ पाकिस्तानी सिख ही नहीं बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया के सिख इस कदम की निंदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिख भारत और पाकिस्तान, दोनों जगहों पर अल्पसंख्यक हैं। एक अल्पसंख्यक समुदाय का सदस्य होने के नाते मैं भारत के मुस्लिम समुदाय की पीड़ा और भय को महसूस कर सकता हूं। यह पूरी तरह से ज़ुल्म है।