हरियाणा सरकार रेप और हत्या मामलों में दोषी पाए गए गुरमीत राम रहीम को जेल से बाहर निकालने के पक्ष में नज़र आ रही है. खट्टर सरकार अगर ऐसा करती है तो वो हाई कोर्ट की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करेगी.

दरअसल, एक महीने पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम की पैरोल एप्लीकेशन को ख़ारिज कर दिया था. गुरमीत ने ये पैरोल अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए माँगा था. कोर्ट का कहना था कि अगर गुरमीत को जेल से बाहर जाने दिया गया तो हरियाणा में दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

लेकिन मनोहर लाल खट्टर की सरकार गुरमीत के जेल से पैरोल पर बाहर आने के पक्ष में दिख रही है. हरियाणा के जेल मंत्री के.एल. पंवर ने बयान दिया है कि गुरमीत राम रहीम को पैरोल के लिए निवेदन करने का हक़ उसी तरह जिस तरह हर उस अपराधी को जिसने एक साल जेल में बिता चुका हो. हालाँकि अभी गुरमीत के निवेदन को स्वीकार किए जाने की ख़बर सामने नहीं आई है, लेकिन जेल मंत्री के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही है की सरकार इसके पक्ष में है.

हत्यारा और बलात्कारी ‘बाबा’ चुनाव की खेती करेगा और CM खट्टर वोटों की फसल काटेंगे : योगेंद्र यादव

इसी पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा, “खट्टर सरकार उस गुरमीत राम रहीम को चुनावी सीज़न में पैरोल पर छोड़ने की तैयारी में है जो दो बार रेप और हत्या के अपराधी ठहराए जा चुके हैं. क्या वो अब भाजपा के स्टार कॉम्पैग्नर बनेगे? अगर अलग-अलग आतंक के आरोपियों को सांसद बनाया जा सकता है, तो बलात्कारी/हत्यारे को न्यू इंडिया का मंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता?”

आपको बता दें की कुछ ही महीनों में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे. इस वजह से राम रहीम के जेल से बाहर आने की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं. ठीक इसी तरह साध्वी प्रज्ञा भी लोकसभा चुनाव में जेल से ख़राब तबियत का हवाला देते हुए बाहर आई थीं.

उसके बाद उन्होनें भाजपा के लिए अपनी ख़राब तबियत के बावजूद प्रचार भी किया और सांसद भी बन गयी. गुरमीत राम रहीम भी अपनी बेटी की शादी के लिए जेल से बाहर आना चाहते हैं. इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इसका विधान सभा चुनाव से तो कोई सम्बन्ध नहीं है?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here