मध्य प्रदेश में उद्यानिकी (हॉर्टीकल्चर) विभाग में दो करोड़ की प्याज बीज की खरीद में घोटाले की खबर सामने आई है। लेकिन उससे भी बढ़ी खबर ये है कि इस घोटाले की जांच कर रही प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव का तबादला कर दिया गया है। विपक्षी दल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “अजब और गज़ब मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान का। जिस प्रमुख सचिव ने प्याज घोटाला उजागर किया, उसी को विभाग से हटा दिया… गज़ब है। शिवराज जी आप क्या संदेश देना चाहते हैं, वो अब दिख रहा है। अब चुप रहने का समय भी ख़त्म हो रहा है।”

दरअसल, राज्य में उद्यानिकी विभाग द्वारा टेंडर निकाले बिना 90 क्विंटल प्याज़ के बीजों की खरीद की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तय रेट पर खरीद नहीं की गई। सरकार ने नर्सरी में बीज का रेट 1,100 प्रति किलो रूपए पर तय किया था। लेकिन विभाग ने खरीफ़ प्याज़ के बीजों को 2,300 प्रति किलो रूपए पर खरीदा है। इन बीजों को प्राइवेट संस्थानों से खरीदा गया है। मुकेश पाटीदार (किसान) ने इस खरीद में हो रही गड़बड़ी को उजागर किया।

घोटाले के सार्वजनिक होने के कुछ दिन बाद ही आईएफएस कल्पना श्रीवास्तव ने अपनी जांच शुरू कर दी। उनके द्वारा जुटाई गई जानकारी के बाद ‘आर्थिक अपराध शाखा’ ने मामले की प्रारंभिक जांच करने के आर्डर दे दिए।  जांच के चलते विभाग के कमिश्नर मनोज अग्रवाल भी रडार पर आ गए हैं। जैसे ही उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जाने लगे, वैसे ही कल्पना का तबादला कर दिया गया। ध्यान देने वाली बात है कि ये तबादला छुट्टी के दिन, यानी 18 दिसंबर को किया गया।

इस पूरे प्रकरण के बाद शिवराज चौहान पर भी कई गंभीर आरोप लग रहे हैं। क्या शिवराज सरकार ने भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए कल्पना श्रीवास्तव का तबादला किया है? या शिवराज सिंह चौहान अपने किसी करीबी को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं?

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