केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद भले ही आम आदमी के अच्छे दिन न आए हों, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह की संपत्ति 15,000 प्रतिशत बढ़ी है। साल 2015-2019 के बीच जय शाह की कंपनी कुसुम फिनसर्व की कुल आय 116.37 करोड़ का जबरदस्त इजाफा हुआ है।
संसद में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसको लेकर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अमित शाह और उनके बेटे जय शाह पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ता पवन खेरा ने कहा कि, “विकट आर्थिक मंदी के समय विकास केवल सरकार के दोस्तों और ‘शाह राजवंश’ तक की सिमित हो गया है।”
जय शाह की संपत्ति 15000% बढ़ी! राहुल बोले- अब कनपटी पर बंदूक रखकर ये खबर दबा दी जाएगी
पवन खेरा ने आगे कहा, “यह कोई संयोग नहीं है कि गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह ने नई उंचाईयों पर जाने के लिए सभी मापदंडों को तोड़ दिया है। सरकार के लिए इस पर चर्चा करने का यह सही समय है। राजकुमार जय शाह ऐसा कौन सा काम करते हैं जो उन्हें इतना मुनाफा हो जाता है?”
विकट आर्थिक मंदी के समय विकास केवल सरकार के दोस्तों और शाह राजवंश तक ही सीमित हो गया है। यह कोई संयोग नहीं है कि गृहमंत्री शाह के बेटे जय शाह ने नई ऊंचाइयों पर जाने के लिए सभी मापदंडों को तोड़ दिया है। सरकार के लिए इस पर चर्चा करने का यह उचित समय है।#ShahzadeKaVikas pic.twitter.com/fqsoLzKlGY
— Congress (@INCIndia) November 2, 2019
कांग्रेस जय शाह की कंपनी कुसुम फिनसर्व का ब्यौरा देते हुए कहा कि, कुसुम फिनसर्व की वार्षिक आय 2014 के 80 लाख के मुकाबले 2019 में 119.61 करोड़ हो गई। उनकी शुद्ध संपत्ति 2015 के 1.21 करोड़ के मुकाबले 2019 में 25.83 करोड़ हो गई। शुद्ध अचल पारीसंपत्ति 2015 के 51.74 लाख से 2019 में 23.25 करोड़ हो गई।
वहीं पवन खेरा ने जय शाह पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, “व्यापारी को कंपनी का लेखा-जोखा हर ससाल 30 अक्टूबर तक MCA में दर्ज करवाना होता है। ऐसा नहीं करने पर सजा और 5 लाख का दंड का प्रावधान है। जय अमित शाह ने 2017 और 2018 का लेखा-जोखा जमा नहीं करवाया है। लेकिन, शाह वंश के राजकुमार पर सजा के प्रावधान लागू नहीं होते।”
दिलचस्प बात तो ये है कि जय शाह की कंपनी ने बढ़ोतरी के ये आंकड़े लोकसभा चुनाव से पहले तक छुपाए। वित्त वर्ष 2017 और 2018 के लिए कुसुम फिनसर्व ने अपना विवरण दर्ज नहीं कराया। जबकि सभी एलएलपी कंपनियों को हर साल 30 अक्टूबर तक अपने खातों का विवरण दर्ज करना होता है।
कंपनी का वित्तीय लेखा-जोखा इस साल अगस्त में, चुनाव परिणाम आने के तकरीबन तीन महीने बाद अपलोड किया गया।