मोदी सरकार देश की प्रमुख महारत्न कंपनियों में से एक ONGC में हिस्सेदारी बेचने जारी रही है। ONGC ने ये जानकरी साझा की है। मोदी सरकार ने 3000 करोड़ रूपये में कम्पनी की 1.5 % हिस्सेदारी बेचने के आदेश दिए हैं। इससे सरकार को पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।
ये बिक्री 30 मार्च को शुरू होगी और 31 मार्च को बंद हो जायगी। कम्पनी ने बताया केंद्र सरकार ने कम्पनी के 9,43,52,094 शेयर बेचने के निर्देश दिए है। जिनको 30 मार्च को गैर-खुदरा निवेशकों और 31 मार्च को खुदरा निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव रखा है।
साथ ही साथ अधिक बिक्री होने पर अतिरिक्त इक्विटी शेयर बेचने का विकल्प भी रखा है। केंद्र सरकार की कंपनी में 60.41% की हिस्सेदारी है जिसमें से मोदी सरकार 1.5 % हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
कंपनी ने ये भी बतया बिक्री पेशकश के लिए एक शेयर का मूल्य 159 रूपये रखा गया है। जो बीएसई में मंगलवार को कंपनी के शेयर के बंद भाव 171.05 रूपये प्रति शेयर के मुकाबले 7% कम है। बिक्री के पेशकश में 25 % शेयर म्यूच्यूअल फंड और बीमा कम्पनियों के लिए जबकि 10% शेयर खुदरा निवेशकों के लिए निर्धारित है।
खुदरा निवेशक दो दो लाख रूपये तक के शेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं। जबकि ओएनजीसी के कर्मचारी पांच पांच लाख के शेयर के लिए बोली जमा करा सकते है। मंगलवार को जैसे ही ये खबर आई कि मोदी सरकार ओएनजीसी में हिस्सेदारी बेचने जा रही है।
देशवासियो और राजनैतिक दलों के नेताओ ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया। माना जा रहा है कि ये भी मोदी सरकार की निजीकरण की निति की ओर बढ़ता हुआ एक और कदम है।