भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है. अगस्त में भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. अब सातवें सप्ताह गिरकर 16 सितंबर को ये 545.652 बिलियन डॉलर तक गिर गया है.

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 5.219 अरब अमेरिकी डॉलर की घटोतरी हुई है. 2 अक्टूबर, 2020 के बाद से ये इसका सबसे निचला स्तर है. पिछले सप्ताह के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 550.871 अरब डॉलर था.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रुपये की कीमत ने रिजर्व बैंक की टेंशन थोड़ी बढ़ा दी है. लिहाजा आरबीआई रुपये की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है.

इन चीजों का असर मुद्रा भंडार पर दिख रहा है. डॉलर में तेजी की वजह से भारतीय रुपया पर लगातार दबाव बना हुआ है.

अगस्त में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 560 अरब डॉलर से गिरकर 553.105 अरब डॉलर पर आ गया था. इसमें 7.941 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली थी.

इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया था. 26 अगस्त 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था.

रुपया कमजोर होने से विदेशी मुद्रा भंडार कमजोर होता है. देश को आयात के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं तो जाहिर सी बात है कि खजाना खाली होगा. यह आर्थिक लिहाज से ठीक बात नहीं है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, करीब तीन महीने पहले तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब अमेरिकी डॉलर था.

इसके पहले हफ्ते में भी 2.23 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई थी. भारतीय रूपये के गिरने के कारण इसका असर भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है.

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