देश में चुनावी माहौल के बीच अमरीका की मशहूर टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक कवर स्टोरी की है। मैगजीन ने अपने कवर पेज पर पीएम मोदी की तस्वीर के साथ लिखा है ‘India’s Divider in Chief’. यानी मैगज़ीन ने पीएम मोदी को समाज को बांटने वाला बताया है।

इस लेख को पत्रकार आतिश तासीर ने लिखा है। लेख में तासीर ने तुर्की, ब्राजील, ब्रिटेन और अमेरिका से भारत की तुलना करते हुए भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा, ”दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत क्या पांच साल और मोदी सरकार को सह सकता है?”

मैगज़ीन ने अपने लेख की शुरुआत ”लोकलुभान वादों की राजनीति में फंसने वाला भारत दुनिया का सबसे पहला लोकतंत्र है” शीर्षक के साथ की है। लेख में इस बात का भी जिक्र किया गया है, ”मोदी की सरकार में हर तबका अल्पसंख्यक, उदारवादी और निचली जातियों से लेकर मुस्लिम और ईसाई पर भी हमले हुए।”

लेख को बेहद आलोचनात्मक तरीके से लिखा गया है। मैगजीन के मुताबिक, ”मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कोई भी आर्थिक नीतियां सफल नहीं नहीं हो पाईं।” मैगज़ीन ने लिखा है, ”मोदी सरकार अपने कार्यकाल में सिर्फ जहरीले धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल बनाया।”

इस लेख में यह भी लिखा है कि नरेंद्र मोदी ने भारत की महान हस्तियों पर राजनीतिक हमले किए। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम भी शामिल है। नेहरू को इस लेख में भारत को नए सिरे से खड़ा करने वाला बताया गया है।
आगे इस लेख में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी का सत्ता में आना इस बात को दिखाता है कि भारत में जिस कथित उदार संस्कृति की चर्चा की जाती थी। आज वहां पर दरअसल धार्मिक राष्ट्रवाद, मुसलमानों के खिलाफ हिंसक भावना और और जातियों के बीत भेद-भाव और नफरत को पनपा दिया है।

लेख में आगे 2002 के गुजरात दंगों का भी जिक्र है। लेख में कहा गया है की नरेंद्र मोदी ने 2002 के दंगों के दौरान अपनी चुप्पी से ‘उन्मादी भीड़ को सहयोग दिया जिसकी वजह से भीड़ को और बल मिला। इस लेख में लिंचिंग और गाय के नाम पर हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया है।

लेखक में कहा गया है कि गाय को लेकर मुसलमानों पर बार-बार हमले हुए और उन्हें मारा गया। एक भी ऐसा महीना नहीं गुज़रा जब लोगों के स्मार्टफोन पर वो तस्वीरें न आई हों जिसमें गुस्साई हिन्दू भीड़ एक मुस्लिम को पीट रही है।
इस लेख में नेहरू के सेक्युलर इंडिया की भी तारीफ की गई है। लेख में कहा गया कि 1947 में ब्रिटिश इंडिया दो हिस्सों में बंटा और पाकिस्तान का जन्म हुआ लेकिन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़े भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने फैसला किया कि भारत सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं होगा बल्कि हर धर्म के लोगों के लिए यहां जगह होगी। नेहरु की विचारधारा सेक्युलर थी जहां सभी धर्मों को समान रूप से इज्जत थी।

भारतीय मुसलमानों को शरिया पर आधारित फैमिली लॉ मानने का अधिकार दिया गया, जिसमें तलाक देने का उनका तरीका तीन बार तलाक बोलकर तलाक लेना भी शामिल था। जिसे नरेंद्र मोदी ने 2018 में एक आदेश जारी कर तीन तलाक को कानूनी अपराध करार दे दिया।

लेख में कहा गया है कि 2017 में उत्तर प्रदेश में जब बीजेपी चुनाव जीती भगवा के नाम पर समाज को बाटने और नफरत फैलाने वाले जिसने कितनी बार सांप्रदायिक दंगे को भड़काया हो उस तथाकथित महंत को सीएम बना दिया।
टाइम मैगज़ीन के इसी संस्करण के एक दूसरे लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की जमकर तारीफ भी की गई है। इस लेख में जीएसटी लागू करने के लिए पीएम की सराहना की गई है और कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने भारत की जटिल टैक्स व्यवस्था को सरल और सहज कर दिया।

ग़ौरतलब है कि यह वही टाइम पत्रिका है जिसने 2014-15 में नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था। लेकिन अब इनके पांच सालों के बाद इसी मैगज़ीन ने मोदी को समाज को बांटने वाला बता दिया है।
मोदी और बीजेपी ने पीआर का इस्तेमाल कर भारत की मिडिया को भले ही अपनी गोद में बैठा लिया हो और अपने गुणगान कराती हो, लेकिन अंतराष्ट्रीय मीडिया में मोदी को एक तनाशाह और समाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले नेता के रूप में ही देखा जाता है। क्या मोदी अपनी इस छवि के साथ भारत को विश्वगुरु बनाएंगे?

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