भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज्यादा जोखिम बना हुआ है। एक संरचनात्मक मंदी की ओर बढ़ रहे हैं। यह एक प्रारंभिक चेतावनी है। 1991 के बाद से अर्थव्यवस्था निर्यात के आधार पर नहीं, बल्कि भारत की शीर्ष 10 करोड़ जनसंख्या के उपभोग पर बढ़ रही है। ऐसा कहना है प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय की।
दरअसल देश में आम चुनाव चल रहा है। विपक्षी दल मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर फेल बता रही है। ऐसे में जब प्रधानमंत्री के सलाहकार भारतीय अर्थव्यवस्था को जोखम बना हुआ बता रहें हो तो ये चिंता का विषय हो जाता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था ‘गहरे संकट’ की तरफ जा रही है। उनका कहना है कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत भी धीमी गति वाला विकासशील देश बनने की ओर चल पड़ा है। रॉय ने यह भी कहा कि उन्हें डर है कि आर्थिक मंदी भारतीय अर्थव्यवस्था को घेर लेगी।
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बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्रालय की मार्च, 2019 की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में भी कहा गया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2018-19 में थोड़ी धीमी होने की बात कही गई थी। अब देखना ये है की विपक्षी दल कैसे इस मुद्दों को चुनाव के आखिरी दो चरणों में उठाते है।