2008 मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर शहीद हेमंत करकरे की बेटी ने प्रतिक्रिया दी है।

करकरे की बेटी जुइ नवारे ने कहा कि, “मेरे पिता कहा करते थे कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और कोई भी धर्म हत्या करना नहीं सिखाता।”

दरअसल भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार बनी प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे पर शर्मनाक बयान दिया था। जिसकी हरतरफ निंदा की गई थी।

उन्होंने कहा था कि, करकरे उनके ‘श्राप’ से मरे।

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में नफ़रत के खिलाफ बोलते हुए जुइ नवारे ने कहा कि, “मैंने सोशल मीडिया पर प्रज्ञा ठाकुर के बयानों को देखा था। मैंने कई लोगों की प्रतिक्रिया भी पढ़ी थी। क्योंकि हेमंत करकरे मेरे पिता हैं इसकी वजह से नहीं बल्कि शहीदों का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए।”

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि, “उन्हें (हेमंत करकरे) उनके कर्मों की सजा मिली है, क्योंकि उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था। “मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ”।

इंटरव्यू में जुइ नवारे ने अपने पिता के बारे में आगे कहा है कि, “वह एक सीधे-साधे व्यक्ति थे। चाहे नशीली दवाओं को खत्म करने या नक्सलियों से लड़ने का मामला हो, वो जमीनी स्तर की हकीकत में विश्वास करते थे। नक्सलवाद के खिलाफ उनका मानना था कि कि गोलियों से समस्या कभी खत्म नहीं होगी।”

जुइ ने कहा कि, “उन्होंने हमें सिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है। कोई भी धर्म किसी को भी एक दूसरे को मारना नहीं सिखाता। यह एक विचारधारा है जिसे हराना है। वो अपनी वर्दी से प्यार करते थे। मैं बस इतना चाहती हूं कि हर कोई मेरे पिता की शहादत को याद रखे।“

बता दें, साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने भोपाल से दिग्विजय सिंह के खिलाफ अपना प्रत्याशी चुना है। साध्वी के ऊपर यूएपीए की गंभीर धाराओं के तहत मुंबई कोर्ट में मामला दर्ज है। फिलहाल वो बेल पर बाहर हैं।

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