राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के केस में रांची की जेल में सजा काट रहे हैं। अदालत में लालू की जमानत याचिका दायर किए जाने पर वो खारिज हो रही है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने न्यायपालिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि न्यायपालिका में जात-पात है जिसकी वजह से लालू प्रसाद आज जेल में हैं। उन्होंने कहा कि, जिस जज ने लालू को सजा दी वो सवर्ण है इसीलिए उन्हें सजा दी गई। वहीं तिवारी ने कहा, “अगर न्यायपालिका को लेकर सत्य कहना अवमानना है तो मैं इसकी सजा भुगतने के लिए भी तैयार हूं।”
शिवानंद तिवारी ने कहा कि, “अब देश में सत्य हो गया है कि न्यायपालिका भी जाति से परे नहीं है। अदालत के जज भी आदमी हैं, इसीलिए वह भी जाति के बंधन में काम कर रहे हैं।” उनका कहना है कि लालू प्रसाद यादव को सजा इसीलिए हुई क्योंकि अदालत के जज सवर्ण समाज से थे।
#BREAKINGNEWS- RJD नेता शिवानंद तिवारी का न्यायपालिका पर बेहद आपत्तिजनक बयान.
Zee Bihar Jharkhand ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶನಿವಾರ, ಏಪ್ರಿಲ್ 27, 2019
उन्होंने आगे कहा, न्यायपालिका पर भी जात-पात का प्रभाव है। हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि, हम सारे केस को लेकर नहीं कह रहे हैं। लेकिन लालू यादव के साथ ऐसा किया गया।
तिवारी ने कहा कि, लालू यादव न्यायपालिका के जाति के प्रभाव का ही शिकार हुए हैं। लालू यादव ने मंडल कमीशन का समर्थन किया था और उस समय ब्राहमणवाद पर हमला कर रहे थे। इसीलिए लालू की इस आवाज से सवर्ण तटस्थ नहीं रह सकते थे। न्यायपालिका में भी यही प्रभाव देखने को मिला है।
बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाला केस में पाँच साल की क़ैद की सज़ा सुनाई थी। लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में क़ैद हैं, वो बीमार है इसलिए वहीं पर रिम्स अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
दूसरी ओर हैं जगन्नाथ मिश्रा जो ज़मानत पर बाहर हैं।
लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों ही बीमार हैं। लालू यादव को शुगर है तो मिश्रा को कैंसर। क्या यहाँ जाति फैक्टर नहीं है ?