बीते बुधवार एक ख़बर मीडिया में आते ही हड़कंप मच गया। ख़बर थी NIA का दावा- ‘दिल्ली में बड़े हमले की साज़िश’ नाकाम, ISIS प्रभावित मॉड्यूल का पर्दाफ़ाश।

बताया गया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और यूपी पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की टीम ने दिल्ली और यूपी में कथित आतंकी गतिविधियों वाले कई ठिकानों पर छापेमारी की।

इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार बरामद किए। NIA का कहना था कि ISIS यानी इस्लामिक स्टेट के नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-इस्लाम ने देश में बड़े बम धमाके की साजिश रची थी। जिसके निशाने पर कई मुख्य हस्तियों, प्रतिष्ठानों और दिल्ली के बड़े मार्केट तक शामिल थे।

इस ख़बर पर गिरफ्तार किए गए लोगों में ज़्यादातर की उम्र 20 से 30 साल के बीच है। ये अलग-अलग बैकग्राउंड के हैं, एक-दो की वेल्डिंग शॉप है, एक इंजीनियर है, एक बीए-पार्ट 3 में पढ़ रहा है, एक ऑटोड्राइवर है, एक की कपड़ों की दुकान है, एक मौलवी है।

मगर इस मामले में जो हथियार बरामद किये गए उससे एनआईए द्वारा की गई इन गिरफ्तारियों पर सवाल खड़े हो गए, यूपी में 11 जगहों पर छापेमारी हुई जिनमें अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में एक जगह छापा मारने के बाद जब हथियारों को मीडिया के सामने पेश किया जिसमें एक सुतली बम भी बरामद किया गया जिसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठाने लगे।

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, धन्यवाद अजित डोभाल मैं यह जानकर बहुत ही सुरक्षित महसूस कर रही हूँ कि ISIS सुतली बम और देसी कट्टों से लैस हैं, जो कि गोआतंकियों से कम खतरनाक है।

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