भारत में आज भी इस बात पर बहस हो रही है कि भारत के एयर स्ट्राइक में कितने आंतकी मारे गए थे? सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं और गोदी मीडिया के पास इसके अलग-अलग आंकड़े हैं। लेकिन भारतीय वायुसेना ने कोई आंकड़े नहीं दिए थे, बस इतना बताया था कि बड़ी संख्या में आतंकी मरे हैं।

तब अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान ‘रॉयटर्स’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत के एयर स्ट्राइक में कोई नहीं मरा, बस एक कौआ और कुछ पेड़ों का नुक्सान हुआ था।

अब रॉयटर्स ने अपनी नई रिपोर्ट में कई खुलासे किए हैं जिससे सत्ता में बैठी मोदी सरकार को दिक्कत हो सकती है। भारतीय वायुसेना ने जिन जगहों पर स्ट्राइक किया था, ‘रॉयटर्स’ ने उन जगहों की सैटेलाइट प्रकाशित की है।

सैटेलाइट से ली गई इन हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने जैश-ए-मोहम्मद द्वारा संचालित जिस मदरसे को निशाना बनाया था, वह अभी भी वहीं खड़ा है। यानी हमले में उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

एयर स्ट्राइक का चश्मदीद बोला- कोई इंसान नहीं सिर्फ एक कौआ मरा, क्या झूठ बोल रहा है गोदी मीडिया ?

रॉयटर्स के मुताबिक प्लैनेट लैब्स नामक एक अमेरिकी कंपनी ने चार मार्च को सैटेलाइट इमेज जारी किए। इन तस्वीरों में हमले वाली जगह पर मदरसे की छह इमारतों को अभी भी खड़ा देखा जा सकता है। हवाई हमले से इमारतों और दीवारों को जितना नुकसान हुआ है वह उतना व्यापक नहीं जितना कि मोदी सरकार और भाजपा ने दावा कर रही है।

रॉयटर्स की इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए CPI(M) ने मोदी सरकार को कठघरे मे खड़ा किया है। CPI(M) ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि इस मुद्दे पर चुप्पी साधना कोई विकल्प नहीं। सरकार को देश के हित में सबूतों के साथ इसका खंडन करना चाहिए।

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