राफेल मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि, जिन दस्तावेजों पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण भरोसा कर रहे हैं वे ‘रक्षा मंत्रालय से चुरा लिए गए हैं।’

सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस गोगोई ने अटॉर्नी जनरल से सवाल किया की राफेल डील से जुड़े दस्तावेजों के चोरी होने पर सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गई? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही अपने आपको ‘चौकीदार’ कहते हैं। पीएम की चौकीदारी में रक्षा मंत्रालय से देश की सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण राफेल डील के अहम दस्तावेज कैसे चोरी हो गए?

राफेल मामले के दस्तावेजों के चोरी होने से ट्वीटर पर लोग अब पीएम मोदी की चौकीदार पर सवाल उठा रहे हैं। ध्रुव राठी ने लिखा है कि, “नामुमकिन अब मुमकिन है। मोदी है तो मुमकिन है।”

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पत्रकार मौसमी सिंह ने इस मामले पर लिखा है कि , “जब हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है तो मामला क्यों दर्ज होगा? जब सैईयां भए कोतवाल तो मामला दर्ज कौन करेगा? मोदी खुद सामने आकर क्यों कहेंगे कि उनपर एफआईआर दर्ज हो। कांग्रेस चाहती है कि पीएम मोदी खुद पर मामला दर्ज करें?”

जबकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को दलील दी है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इस मामले का राजनीतिक फायदा उठाया जा सकता है!

यानि मोदी सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को “डिफेन्स भ्रष्टाचार के मामले में राजनीति की चिंता है लेकिन, देश की सुरक्षा की नहीं है? या फिर भ्रष्टाचार खुलने की चिंता सरकार को सता रही है?

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