Jet Airways

आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपनी सेवा 25 साल बाद अस्थायी तौर पर बंद कर दी है। जिसके विरोध में आज जेट एयरवेज के कर्मचारी दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी केंद्र की मोदी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि अगर सरकार इनकी मदद नहीं करती तो फिर वो चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की मदद नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारियों का साफ़ कहना है कि ‘नो जॉब नो वोट’।

बता दें कि एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह ने जेट को आपातकालीन 400 करोड़ रुपए देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद बुधवार रात जेट ने अमृतसर से मुंबई के लिए आखिरी उड़ान भरी। आर्थिक संकट का सामना कर रही जेट अगर बंद होती है तो 20 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी। अपनी नौकरी बचाने के लिए कर्मचारी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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बोलता हिन्दुस्तान से बात करते हुए प्रदर्शन कर रहे जेट के एक कर्मचारी ने कहा, “अगर यह कंपनी बंद हो जाती है तो हम यहां से कहां जाएंगे। एकदम से हम ज़मीन पर आ गए हैं। हम मोदी जी से ये पूछते हैं कि क्या वह हमें बचाने के लिए हमारी कंपनी की 1500 करोड़ की मदद नहीं कर सकते”?

कर्मचारी ने कहा, “मोदी जी एक तरफ बेरोज़गारी हटाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उन्होंने 20 हज़ार लोगों को बेरोज़गार कर दिया, उन्हें रोड पर ला दिया है। हमारी मोजी जी से अपील है कि वह इस समस्या को जल्द से जल्द हल करें, क्योंकि इस समस्या से बहुत सारे लोगों के जीवन अंधकार में आ गए हैं”।

जब प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या इस समस्या का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा तो सभी ने एक सुर में कहा कि बिल्कुल पड़ेगा। कर्मचारियों ने कहा कि इससे समस्या से 20 लाख लोगों का जीवन ख़तरे में आ गया है, अगर सरकार इसका समाधान नहीं करती तो इसका असर चुनाव में ज़रूर दिखेगा।

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कर्मचारियों ने एसबीआई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब उसने 1500 करोड़ देने का वादा किया ता तो पिर उसने जेट को पैसे क्यों नहीं दिए। अगर एसबीआई वादा पूरा नहीं कर सकती थी तो उसने पहले ज़िम्मेदारी क्यों ली।

बता दें कि एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह ने जेट को 1500 करोड़ रुपए देने के जो वायदे किए थे उसे पूरा नहीं किया, क्‍योंकि इसी शर्त पर नरेश गोयल ने चेयरमैन पद से इस्‍तीफा 25 मार्च को दिया था।

ग़ौरतलब है कि पिछले साल करीब 4,244 करोड़ रुपए का नुकसान उठा चुकी कंपनी ने जनवरी से पायलटों, रखरखाव अभियंताओं और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन नहीं दिया है। अन्य कर्मचारियों को आंशिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन उन्हें भी मार्च का वेतन अब तक नहीं मिला है। जेट पर कुल 8 हजार करोड़ रुपए का बकाया है।

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