BJP ने भोपाल लोकसभा सीट से मालेगांव बम धमाकों की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने पर विपक्षी दल के नेताओं से लेकर कई पत्रकार सवाल उठा रहे हैं।

इन सभी का सवाल है कि भारत की एक राष्ट्रीय पार्टी कैसे एक आतंकवाद की आरोपी को चुनावी मैदान में उतार सकती है। यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट केस में अभी भी आरोपी हैं। वह वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रही हैं।

2017 में एनआईए कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे कड़े कानून मकोका को हटा दिया था। 2018 में NIA ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन इसे कोर्ट ने नहीं माना। एनआईए की स्पेशल कोर्ट में अब भी उनके खिलाफ ट्रायल चल रहा है।

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हालांकि बीजेपी उन्हें आतंकी नहीं मानती। ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात कह चुके हैं कि हिंदू आतंकवाद नाम की कोई चीज़ नहीं है। यह कांग्रेस द्वारा षणयंत्र के तहत दी गई एक फर्जी थ्योरी है। बीजेपी भले ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी न मानती हो, लेकिन बम धमाके के मामले में उनकी संलिप्तता को कोर्ट ने भी माना है। जिसकी वजह से वह 9 साल जेल में रह चुकी हैं और अभी भी ज़मानत पर बाहर हैं।

पत्रकार साक्षी जोशी ने बीजेपी के इस रवैया पर ज़ोरदार कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “पाकिस्तान मसूद अज़हर को आतंकी नहीं मानता। और भारत प्रज्ञा ठाकुर को नहीं मानता। हिसाब बराबर”।

वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट शमा मोहम्मद ने ट्वीट कर लिखा, “पाकिस्तान में हाफिज सईद ने एक पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा और यहां आतंकवाद की आरोपी साध्वी प्रज्ञा चुनाव लड़ रही हैं! हमारे और बनाना रिपब्लिक जिसे पाकिस्तान कहा जाता है, के बीच क्या अंतर है”?

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की मुख्य आरोपी रही हैं। वह इस केस में 9 सालों तक जेल में भी रही हैं। फिलहाल वो जमानत पर हैं। इस धमाके में 7 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 80 लोग जख्मी हुए थे।

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