जिस तरह से तमाम टीवी चैनल के एग्जिट पोल हरियाणा में बीजेपी की एकतरफा जीत का दावा कर रहे थे, परिणाम उस तरह से आते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं।

अब जब नतीजे आने लगे हैं तब किसी तरह की एकतरफा लहर की गुंजाइश नहीं दिख रही है। भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर चल रही है।

जहां एक तरफ भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर चल रही है वहीँ कुछ ही महीने पूर्व बनी जनता जननायक पार्टी (जेजेपी) बेहद असरदार साबित हुई है।

अबकी बार 75 बार का नारा देने वाले खट्टर की अगुवाई में बीजेपी अभी 40 सीटों पर बढ़त बनाई दिख रही है जबकि कांग्रेस उसे टक्कर देते हुए 33 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

यहां गौर करने की बात है कि नई बनी पार्टी जेजेपी 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं और 9 सीटों पर अन्य ।

इसमें कोई दो राय नहीं कि अगर भाजपा बहुमत से दूर रहेगी तो कॉन्ग्रेस दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करेगी अगर कुछ सीटें कम पड़ेगी तो अन्य दलों से भी बातचीत करेगी।

इस चुनाव में खास बात यह देखने को मिल रही है कि हरियाणा में सबसे ज्यादा असरदार माने जाने वाले जाट वोटरों का रुझान भाजपा के खिलाफ गया है।

हालांकि कांग्रेस और जेजेपी में बिखराव होने की वजह से बीजेपी के सम्मानजनक आंकड़े बचे हुए हैं अन्यथा बुरी तरह हार का सामना करना पड़ता।

इस चुनाव के साथ ही इस बात पर मुहर लग गई है कि चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत को अब जेजेपी के दुष्यंत चौटाला ही आगे बढ़ाएंगे क्योंकि इनेलो का बुरा हाल है।

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