फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा हुआ था। अब कड़कड़डूमा कोर्ट ने इस मामले में एक व्यक्ति को दोषी पाया है। करीब दो साल बाद पहली सजा सुनाते हुए कोर्ट ने दिनेश यादव को 5 साल कैद की सजा दी है।

इस मामल में अदालत ने 2 पुलिसकर्मियों के बयान को अहम मानते हुए सजा सुनाई है। गवाह पुलिस कर्मियों ने बताया था कि दिनेश उस भीड़ का हिस्सा था, जो हिंसा पर उतारू थी। हालांकि उन्होंने दिनेश को घर जलाते हुए नहीं देखा था।

अदालत ने बेरोजगार दिनेश यादव के परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए अधिक जुर्माना लगाने से इंकार कर दिया है। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमें में खर्च हुए 83 हजार रुपये की मांग की गई थी। लेकिन कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने फिलहाल दोषी से वसूले जाने वाले 12 हजार रुपये जुर्माने को पीड़िता को अतिरिक्त मुआवजे के रूप में देने का निर्देश दिया है।

दिल्ली दंगा मामले में दिनेश यादव के दोषी पाए जाने पर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने एक अहम टिप्पणी की है। दिलीप मंडल ने लिखा है, दिल्ली का दंगा किसने भड़काया? आग लगाऊ भाषण किसने दिए? नेतागीरी किसकी चमकी? और देखिए जेल कौन गया? ये बात 52% ओबीसी को जिस दिन समझ में आ गई, वह तरक़्क़ी कर लेगा। बस, इतनी सी बात है।

दिलीप मंडल अपने एक अन्य ट्वीट में लिखते हैं, और ओबीसी भाइयों! आ गया स्वाद? मिश्रा, ठाकुर और तिवारी को मज़ा और यादव को सजा। सांप्रदायिकता सबके लिए लाभदायक नहीं है। इन यादव के पिता गिरफ़्तारी के 15 दिन बाद मर गए। अब इतने पैसे भी नहीं है कि जुर्माने का ₹12,000 भर सकें। केस भी खुद लड़ें। जीवन बर्बाद। हो गई क्रांति इनकी।

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