उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून का विरोध करने वालों के लिए गोरखपुर से आये संपत्ति जब्त करने वाले फरमान पर चारों तरफ आलोचना हो रही है तमाम बुद्धिजीवी,नेता और पत्रकार इस कानून का विरोध कर चुके है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस काटजू के बाद पत्रकार अलोक पांडेय ने भी इस काले कानून के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए कहा कि दिसंबर में हुई बुलंदशहर हिंसा को रोकने में यूपी पुलिस का एक इंस्पेक्टर शहीद हो गया था क्या आप बता सकते है कि उस हिंसा को अंजाम देने वाले कितने लोगों की संपत्ति जब्त हुई।
पत्रकार अलोक के अनुसार बुलंदशहर हिंसा को भड़काने का मुख्य आरोपी बजरंग दल का योगश राज था जिसने इस पूरी हिंसा को अंजाम दिया और आज वो ज़मानत पर बाहर है क्या अभी तक उसकी संपत्ति जब्त हुई है।
महंत जी हिंसक पुलिस वालो की भी संपत्ति भी जब्त करो – प्रीती चौबे
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की एक तरफ़ा कार्यवाई पर प्रीती चौबे बोलीं- महंत जी उन पुलिस वालो की भी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए जो वीडियो में कार और मोटरसाइकिल तोड़ते हुए दिख रहे है।
यूपी में नागरिकता कानून का विरोध करने वालो पर योगी सरकार के हिटलरशाही फरमान की चारो तरफ आलोचना हो रही है। उनका यह फरमान आई पी सी में कही भी नहीं लिखा है जिससे साफ़ पता चलता है योगी अब यूपी को संविधान के अनुसार ना चला कर अपने अनुसार और संघी फरमान के अनुसार चलायेंगे जो इस देश को नाज़ी युग की तरफ धकेल रहा है।
योगी का यह कानून एक तरफा होने के कारण इसके तहत सिर्फ प्रदर्शन करने वाले लोग ही आ रहे है। बल्कि बहुत सारी वीडियो में पुलिस भी सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाती दिख रही है लेकिन पुलिस वालो से उनके द्वारा नुकसान की भरपाई नहीं की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में अब तक सेकड़ो लोगो पर लाखों रूपए के नोटिस आ चुके है और कुछ जगह तो लोगो ने डर के कारण जुर्माना भरना शुरू भी कर दिया है।
पत्रकार और बुद्धिजीवी वर्ग के सवालों से जाहिर है ये कानून भी नागरिकता संशोधन कानून की तरह एक समुदाय की विरोधी है जिसको सिर्फ समुदाय विशेष के लोगो को बर्बाद करने के लिए बनाया गया है।