
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर लोकतंत्र को खतरें में क्यों बताया था, इसका जवाब अब दिया है सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कूरियन जोसेफ ने| उन्होंने दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रेस कांफ्रेंस इसलिए की गई थी क्योंकि सबको लगता था की सीजेआई को बाहरी ताकतें चला रही है।
दरअसल इसी साल की शुरुआत में 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसमें कहा गया था कि सीजेआई अपने मनमाने तरीके से कोर्ट चलाना चाहते है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है, चारों जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए लोकतंत्र को खतरें में बताया था।
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में किया खुलासा
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश कूरियन जोसेफ ने साढ़े पांच वर्षों के कार्यकाल के बाद रिटायर होने के पश्चात बड़ा खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने कहा की हमने प्रेस कांफ्रेंस इसलिए की क्योंकि हम सभी को लगता था कि सीजेआई दीपक मिश्रा को बाहरी ताकतें चला रही है और वो राजनीतिक पूर्वाग्रह के चलते मामलों को चुनिंदा तरीके से जजों को आवंटित करते थे।
कूरियन जोसेफ ने कहा कि हमने दीपक मिश्रा से बात की और उन्हें सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता और महिमा बनाए रखने को भी कहा। लेकिन हमारे सभी प्रयास विफल साबित हुए। ऐसे में हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस करने का फैसला किसी एक का नहीं बल्कि सबका था, उन्होंने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस करने का आईडिया जस्टिस चेलमेश्वर का था। लेकिन हम तीन अन्य जजों ने भी इस पर सहमति जताई थी।
We felt then-CJI was being remote-controlled: Justice Kurian Joseph https://t.co/KV7Z2hukzf pic.twitter.com/dK8UWgGift
— Times of India (@timesofindia) December 3, 2018
बता दें कि जस्टिस जोसफ के साथ मौजूदा सीजेआई रंजन गोगोई,जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस मदन बी लोकुर जैसे जज शामिल थे। जिनका कहना था कि सीजेआई दीपक मिश्रा चुनिंदा तरीके से केस आवंटित कर रहें है। जिनमें सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया जैसे संवेदनशील मामले भी शामिल हैं। लोया की एक, दिसम्बर 2014 को मौत हो गई थी|