एक बार फिर दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय चर्चा में है। चर्चा की वजह तीन साल पहले का वो मामला है, जिसके बाद JNU कई लोगों की नजर में एंटी नेशनल हो गया।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कैंपस में लगे कथित देशद्रोही नारों के मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान सहित 10 लोगों पर चार्जशीट दाखिल की है।
पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल इस चार्जशीट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने CFSL लैब की रिपोर्ट में नारेबाजी से जुड़े कुछ वीडियो को सही पाया है।
चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के अलावा बाकि 7 लोग कश्मीरी हैं। 1200 पेज की चार्जशीट में पुलिस ने कुल 46 लोगों को आरोपी बनाया है। कन्हैया, उमर, अनिर्बान समेत 10 लोगों का नाम कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं।
Delhi: Police reaches Patiala House Court to file 1200-page chargesheet in 2016 JNU sedition case. pic.twitter.com/zN8H10Yr3J
— ANI (@ANI) January 14, 2019
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कॉलम नंबर 11 यानी पुलिस के पास इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और इनपर केस चल सकता है। बाकी 36 लोग जिनमे डी राजा की बेटी अपराजिता और शेहला राशिद का भी नाम है, उन्हें कॉलम नंबर 12 में रखा गया है। कॉलम नंबर 11 यानी इनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन ये आरोपी हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट इन्हें बुला सकता है।
चार्जशीट में गवाह के रूप में ABVP के कुछ छात्रों, सिक्योरिटी गार्ड और जेएनयू प्रशासन का नाम शामिल है।
चार्जशीट पर कन्हैया की प्रतिक्रिया
मीडिया से बात करते हुए कन्हैया ने कहा है कि मोदी सरकार विपक्ष की एकता से घबराई हुई है। चुनाव से ठीक पहले दायर की गई इस चार्जशीट के पीछे राजनीतिक मंशा है। सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है, किसी भी वादे को पूरा नहीं कर पायी है। ऐसे में सरकार के हाथ में जितने पत्ते हैं वो खेल देना चाहती है।
अगर सरकार को ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने देश के खिलाफ कुछ बोला है तो चार्जशीट दाखिल करने में इतना वक्त क्यों लगा?
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मोदी सरकार और पुलिस को चुनौती देते हुए कन्हैया ने कहा है कि ये मोदी सरकार झूठ और लूट की सरकार है। मैं अब भी इस सरकार और पुलिस को चुनौती देता हूं कि इस मामले में सनी देओल की फिल्म की तरह तारीख पर तारीख ना दी जाए, त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले का निपटारा किया जाए। चार्जशीट तो क्या जेल भी डाल देंगे तब भी इस गीदड़ भभकी से घबराने वाले नहीं। हमे इस देश के संविधान और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।
अंत में मकर सक्रांति की बधाई देते हुए कन्हैया ने कहा चूरा दही खाना है और चोरी कर रहे चौकीदार को उसकी गद्दी से हटाना है।