रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) पर आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एचएएल को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 1000 करोड़ रुपये कर्ज़ लेने को मजबूर होना पड़ा है।

पिछले साल अक्टूबर में यह ख़बर सामने आई थी कि एचएएल के पास सिर्फ उतना ही कैश बचा है, जिससे वह अपने 29,000 कर्मचारियों को तीन महीने की सैलरी दे सके। ऐसा माना जा रहा है कि एचएएल की इस हालत के लिए केंद्र की मोदी सरकार ज़िम्मेदार है।

नेशनल हेराल्ड की हिंदी वेबसाइट नवजीवन में छपी रिपोर्ट की मानें तो सरकार ने एचएएल को डिलिवर किये जा चुके विमानों और हेलीकॉप्टरों का बकाया 15700 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। जबकि राफेल डील के लिए सरकार ने दसॉल्ट एविएशन को एडवांस में 2000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।

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इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 2018-19 के दौरान एचएएल को सालाना आवश्यक बजट के रूप में सिर्फ 6,415 करोड़ रुपए ही दिए, जबकि एचएएल का सालाना आवश्यक बजट 19,334 करोड़ रुपये है।

यानी सरकार ने कुल जरूरत का सिर्फ 33 फीसदी ही कंपनी को दिया। जिसकी वजह से एचएएल को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बैंकों से कर्ज लेना पड़ा।

इस मामले को लेकर वामपंथी नेता कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,

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“गप्पू जी एचएएल, बीएसएनएल, ओएनजीसी जैसों के लिए खेलते समय हिट विकेट हो जाते हैं और जियो, रिलायंस, पेटीएम आदि के समय दनादन छक्के मारते हैं। ये देश के लिए नहीं, बल्कि अपने स्पॉन्सर्स के लिए मन लगाकर बैटिंग करते हैं”।

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए एचएएल को कमज़ोर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा था, ‘‘अनिल अंबानी के पास राफेल (सौदा) है। अब उनको एचएएल के प्रतिभावान लोगों की जरूरत पड़ेगी ताकि उनके अनुबंध आगे बढ़ सकें। वेतन के बिना एचएएल के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर एवं वैज्ञानिक अनिल अंबानी की कंपनी में जाने को विवश होंगे”।

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