‘महान’ देश भारत भाग-1

भारत एक महान देश है। इस महान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। नरेंद्र मोदी ने भारत में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनवायी है। उस मूर्ति को बनाने में 3000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

भारत जल्द ही एक और दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने वाला है। यह मूर्ति पिछली मूर्ति से 30 मीटर ज्यादा ऊंची होगी। इसे बनाने में करीब 3800 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

‘महान’ देश भारत भाग-2

भारत एक महान देश है। इस महान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में एक भी उल्लेखनीय विश्वविद्यालय नहीं संचालित किया है। मोदी की मंत्री विश्वविद्यालय को देश के लिए खतरा बताती हैं।

ताजा अपडेट- मोदी सरकार विश्वविद्यालयों का लाइब्रेरी फंड काट रही है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का लाइब्रेरी फंड करीब 80% काट दिया गया है। पहले JNU को 8 करोड़ रुपए लाइब्रेरी फंड मिलता था। अब JNU को 1.7 करोड़ रुपए लाइब्रेरी फंड मिला है।

‘विश्वगुरू’ के छात्र-

JNU के छात्रों का कहना है कि सिलेबस में किताब बहुत महंगी-महंगी हैं। बाहर से खरीद पाना संभव नहीं है। अगर लाइब्रेरी में किताब नहीं होगी तो कैसे पढ़ेंगे? बिना पढ़े भारत ‘विश्वगुरू’ कैसे बनेगा ?

जेएनयू प्रशासन की सफाई-

जेएनयू प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्याल ने फंड नहीं काटा है। फंड यूजीसी ने काटा है। सिर्फ JNU का नहीं सभी विश्वविद्यालयों का लाइब्रेरी फंट काटा है।

यूजीसी कौन है ?

यूजीसी केन्द्रीय सरकार का एक उपक्रम है। यूजीसी का काम सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करना है। यूजीसी मानव विकास संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है। मानव विकास संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हैं। प्रकाश जावड़ेकर बीजेपी के नेता हैं।

मोदी जी की कोई गलती नहीं है, ठीक है-

यूजीसी प्रकाश जावड़ेकर के मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यूजीसी लाइब्रेरी फंड नहीं दे रही है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? मूर्ति बनाने के लिए पैसा है लाइब्रेरी के लिए नहीं है।

पूर्व छात्र का सवाल-

एक मूर्ति पर तीन हज़ार करोड़ रुपये खर्च करने वाली सरकार के एजेंट के रूप में काम करने वाले जेएनयू प्रशासन ने लाइब्रेरी के बजट में 80% कटौती कर दी है। पढ़ेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगी फ़ेक न्यूज़ वाली भाजपा?

 

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