ICICI बैंक घोटाला केस में सीबीआई की कार्रवाई में दख़ल देने के लिए जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अरूण जेटली को आड़े हाथों लिया। कन्हैया ने ट्वीट कर कहा-

जब सीबीआई ने नजीब की फ़ाइल ठीक से जाँच किए बिना ही बंद कर दी तो मंत्री जी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उसी सीबीआई द्वारा बैंक की धोखाधड़ी की जाँच उन्हें इतनी अखर गई कि बुरा मानकर ब्लॉग लिख दिया उन्होंने।

ये रिश्ता क्या कहलाता है? द नेशन वांट्स टू नो।

बता दें कि ICICI बैंक में अरबों के घोटाले को लेकर सीबीआई ने बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वीएन धूत के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया था। जिससे तिलमिलाए वित्तमंत्री अरूण जेटली ने पूरा ब्लॉग लिख कर सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल उठाया था।

चंदा कोचर पर FIR करने वाले अधिकारी का तबादला हो जाता है क्योंकि CBI तो लालू जैसे विरोधियों के लिए बनी है

कन्हैया ने जो कुछ कहा, वो वाजिब है। अगर मोदी सरकार में नं. दो की हैसियत रखने वाले अरुण जेटली उद्योगपतियों पर कार्रवाई के लिए सीबीआई को दुस्साहस न करने की धमकी दे सकते हैं तो वो 3 साल से लापता जेएनयू के छात्र नजीब को लेकर क्यों कुछ नहीं कह सकते  हैं, जिसका मामला बग़ैर ढंग से जाँचे सीबीआई ने फ़ाइल क्लोज़ कर दी है?… आख़िर क्यो?

क्या है आईसीआईसीआई फ़्रॉड मामला-

केंद्रीय मंत्री सीबीआई पर दबाव बनाने वाले ट्वीट करता है। उसके ठीक दो दिन पहले CBI के एक आफ़िसर को हाईप्रोफ़ाइल लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने के बाद ट्रांसफ़र कर दिया जाता है।

दरअसल धोखाधड़ी और आपराधिक साज़िश रचने के आरोप में ICICI BANK की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, चंदा के पति दीपक कोचर और VIDEOCON ग्रुप के प्रमोटर वीएन धूत के ख़िलाफ़ आईसीआईआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में FIR दर्ज करने वाले आफ़िसर का ट्रांसफ़र कर दिया गया है।

ICICI फ्रॉड मामले में चंदा कोचर पर केस दर्ज करने वाले CBI अधिकारी का तबादला, जेटली ने दी थी धमकी

इन सभी आरोपियों पर मामला दर्ज होने के एक दिन बाद ही अमेरिका में इलाज करा रहे बीमार केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने ट्वीट कर CBI को दुस्साहस से बचने की नसीहत दी थी।

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