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अहमदाबाद की एक अदालत ने कांग्रेस नेता और पाटीदार आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह के मामले में गैर ज़मानती वारंट जारी कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल यह मामला 25 अगस्त 2015 का है। जहाँ अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए हिंसा को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
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हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कन्हैया ने ट्वीट कर कहा, ”साथी हार्दिक पटेल को पुलिस ने राजद्रोह के फर्जी मुकदमे में कल गिरफ्तार कर लिया।अखिल गोगोई को भी राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर रखा है। चन्द्रशेखर आज़ाद को भी कई बार गिरफ़्तार किया है।याद रखना सरकार, देश के युवा जेल की दीवारों से डरकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे”।
साथी हार्दिक पटेल को पुलिस ने राजद्रोह के फर्जी मुकदमे में कल गिरफ्तार कर लिया।अखिल गोगोई को भी राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर रखा है।चन्द्रशेखर आज़ाद को भी कई बार गिरफ़्तार किया है।
याद रखना सरकार, देश के युवा जेल की दीवारों से डरकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 19, 2020
बता दें कि हार्दिक पटेल को 2015 के राजद्रोह के एक मामले में निचली अदालत में पेश नहीं होने के कारण शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ वारंट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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वहीं अभी देश में चल रहे नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए केंद्र में बैठी मोदी सरकार सभी अलोकतांत्रिक हथकंडे अपना रही है। जिसमें पिछले दिनों भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर रावण को दिल्ली के जामा मस्जिद से गिरफ्तार कर लिया था। चंद्रशेखर इस कानून और दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों को पीटने के खिलाफ विरोध कर रहे थें। फिलहाल चंद्रशेखर को जमानत इस शर्त पर मिली है कि उन्हें दिल्ली में नहीं रहना है।
बता दें कि इससे पहले असम के किसान नेता और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई को भी बीजेपी की असम सरकार ने उनपर उल्फा व माओवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया और रासुका के तहत फंसा उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।