जहां दुनिया के तमाम देश आगे बढ़ रहे हैं वहीं भारत पीछे जा रहा है। पहले चुनावों में नेतागण मतदाताओं को जाति में बांटते थे। फिर नेता एक दूसरे की जाति पूछने लगे, फिर बात गोत्र तक पहुंच गई। अब आलम ये है कि भगवान को भी जाति में बांटना शुरू कर दिया गया है।

इसकी शुरूआत योगी आदित्यनाथ ने की है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव है। 7 दिसंबर को वोटिंग है। सीएम योगी बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं।

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पिछले दिनों राजस्थान की एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए योगी ने हिंदुओं के आराध्य हनुमान को दलित और वंचित का सर्टिफिकेट दे दिया।

27 नवंबर को अलवर के मालाखेड़ा में योगी ने कहा था, ‘बजरंग बली ऐसे लोकदेवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं दलित हैं वंचित हैं।’

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योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी दल के नेता लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। वामपंथी नेता कन्हैया कुमार ने लिखा है कि ‘वो हनुमान जी की जाति बताएंगे, आप राफेल का दाम पूछते रहना।’

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