कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कांग्रेस और बीजेपी के नेता इस यात्रा को लेकर आमने-सामने हैं.

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहाकि बीजेपी की रथ यात्रा सत्ता की मांग के लिए थी लेकिन कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ़ देश को जोड़ने की है.

कन्हैया ने कहा- हमारी प्राथमिकता देश की एकता है, देश एक रहेगा, लोकतांत्रिक परंपराएं रहेंगी, लोकतांत्रिक संस्थाएं रहेंगी, बहुदलीय व्यवस्था रहेगी तो विपक्ष की एकता,सत्ता पक्ष कार्रवाई सब रहेगा.

विपक्षी दलों के बीच आपसी सहमति के सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहाकि मुद्दों पर एकता तो बननी ही चाहिए, एक दल की दूसरे दल से मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मुद्दों पर एकजुटता होनी चाहिए. तो एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाकर मिनिमम अंडरस्टैडिंग पर मैक्सिमम पॉसिबिल यूनिटी होनी चाहिए.

विपक्ष के पीएम पद का दावेदार कौन होगा? इस पर कन्हैया ने कहा- चुनाव सांसद के लिए होता है, और चुने हुए सांसद ही पीएम चुनते हैं. जिसके पास ज़्यादा एमपी की संख्या होगी वो पीएम चुनेगा. पिछले आठ सालों से भारतीय राजनीति विमर्श में पीएम पद को उछाला गया है.

भारतीय राजनीति में कई ऐसे पीएम रहे हैं जो पीएम पद के दावेदार नहीं थे, उन्होंने अच्छा काम किया है.

ये प्रश्न इसलिए बनाया गया है कि राजनीति को डब्लूडब्लूएफ का मैच बना देना चाहते हैं, राजनीति बॉक्सिंग का मैच नहीं है, कि दो लोगों के बीच मैच करा दे. लोकतंत्र में नंबर मायने रखते हैं.

अटल बिहारी के पास संख्याबल नहीं था तो किस नैतिकता से उन्होंने पीएम पद को छोड़ दिया, फिर दोबारा उन्हें बहुमत मिला. लेकिन अब इस राजनीति को बदला जा रहा है.

आज रिसॉर्ट पॉलिटिक्स से जनमत को हड़पा जाता है. ये आम लोगों के मन में लोकतंत्र के यकीन को कम करेगा. और लोकतंत्र नहीं रहेगा तो अजीब स्थिति हो जाएगी, फिर हैलीकॉप्टर वाला, ट्रैक्टर वाले की बात सुनेगा.

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