बिहार के मुज़फ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। इस बुखार से अब तक 160 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि सैंकड़ों बच्चे अस्पताल में अभी भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इन्हीं पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य के विषय में जानकारी लेने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) पहुंचे।

कन्हैया को अस्पताल में प्रवेश करने में कुछ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने पहले तो उन्हें हॉस्पिटल के अंदर जाने से रोक दिया। हालांकि बाद में उन्हें दो तीन समर्थकों के साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मिलने दिया गया। इस दौरान कन्हैया ने अस्पताल अधीक्षक से भी मुलाकात की और हालात का जायज़ा लिया।

मुलाकात के बाद कन्हैया कुमार ने यहां मीडिया से भी बात की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये समय प्रार्थना का है और वह इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने देश की ख़राब स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकारें स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दे रही।

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उन्होंने बिहार सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार लीची को सामने लाकर अपना बचाव कर रही है। जबकि बच्चों की मौत लीची से नहीं बल्कि कुपोषण से हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। स्वास्थ्य पर बजट भी काफी कम है। जीडीपी का 2 प्रतिशत ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर ख़र्च किया जाता है।

बता दें कि कन्हैया कुमार ने जिस एसकेएमसीएच अस्पताल का दौरा किया है वहां चमकी बुख़ार से पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा है। अस्पताल में प्रतिदिन चमकी बुख़ार से बच्चों की मौत हो रही है। जानकारी के मुताबिक आज भी अस्तपाल में तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया है और अब मौत का आंकड़ा 160 से ज्यादा हो गया है।

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