देश में नागरिकता कानून के विरोध में खड़े जनता के खिलाफ पुलिसिया दमन इस हद तक बढ़ चुकी है कि अब मोदी सरकार की किरकिरी विदेश में भी हो रही हैं।
पिछले दिनों रविवार की रात नागरिकता संशोधन कानून के लिए कई दिनों से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के ऊपर दिल्ली पुलिस ने बेरहमी से लाठियां, आंसू गैस और गोलियों से प्रहार किया। पुलिस ने सबसे बेशर्म हरकत तब की जब उसने प्रदर्शन में हिस्सा न लेने वाले छात्रों को लाइब्रेरी के अंदर लाइट बंद कर के पीटा और महिला छात्रों को उनके वाशरूम में घूस कर मारा और उनके साथ शारीरिक हिंसा की।
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जामिया छात्रों पर किये गए हमले को लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार की निंदा कर रहा है। कल देश की सभी बड़ी विपक्ष पार्टियां राष्ट्रपति को इस नागरिकता कानून को लेकर बढ़ते हिंसक घटनाओं के बारे में औगत कराया और कहा की यह कानून सरकार बहुत हड़बड़ी में लायी है जो संविधान के मूल भावना के खिलाफ है।
जामिया छात्रों के साथ हुई बर्बरता की निंदा तमाम सेलेब्रिटी भी कर रहे है। वहीं छात्रों का समर्थन करने के लिए आज पूर्व जेएनयू छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार जामिया कैंपस आए। इस दौरान कन्हैया ने कहा, यह कानून मोदी सरकार देश में मुस्लिम समुदाय को दोयम दर्ज़े का नागरिक में तब्दील करने के लिए लायी है। यह कानून साफ़ तौर पर संविधान को तोड़ने और हिन्दुस्तान को बाँटने के लिए लाए गया है।
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उन्होंने छात्रों से कहा, यह लड़ाई सिर्फ जामिया की नहीं है यह संविधान बचाने की लड़ाई है। मीडिया में जिस प्रकार से जामिया के छात्रों को बदनाम करने की कोशिश हो रही है, उसको लेकर कन्हैया ने कहा- जामिया आज हिन्दुस्तान की मूल आधार को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। क्यूंकि संसद और सड़क दोनों जगह विपक्ष मर चुका है, लेकिन आज छात्र इस मोदी सरकार के सामने विपक्ष बनकर संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
कन्हैया ने कहा, यह लड़ाई आप छात्रों की है जिसे मोदी सरकार बदनाम करने के लिए सरकारी और संघी गुंडों को इस प्रदर्शन में घुसा कर बदनाम कर रही हैं। उन्हें पहचानिये और बाहर कीजिये। संविधान बचाने की लड़ाई अहिंसा से जीती जानी चाहिए।