पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश और राजधानी दिल्ली में जगह जगह मारें सिखों के लिए आज बड़ा दिन है। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख दंगों को भड़काने और अपराधिक साजिश रचने के मामले में उम्र कैद की सजा सुना दी है।

मामले पर सुनवाई के वक्त कोर्ट ने जजमेंट की कॉपी पढ़ते हुए कहा, भारत-पाक बंटवारे जैसी डरावनी थी 1984 की वो घटना थी। कोर्ट ने सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया है साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

इसके अलावा हाईकोर्ट ने दो और दोषियों की सजा 3 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी है। हाईकोर्ट का ये फैसला निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है।

वहीं इस फैसले पर जब कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल से पत्रकारों ने अरुण जेटली के बयान पर जवाब माँगा जिसमें कहा गया कि सज्जन कुमार के पीछे जो लोग है उन्हें सजा होनी चाहिए।

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इसपर सिब्बल ने बिना देरी करते हुए कहा कि बिलकुल माया कोडनानी के पीछे जो लोग है उनपर पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए।

इसके बाद सिब्बल ने कहा कि जो लोग 2002 दंगों के समय सीएम थे, आज प्रधानमंत्री हैं। उन्हें भी कड़ी से कड़ी सज़ा होनी चाहिए।

पत्रकार ने सिब्बल से बोला क्या आप फैसले को जस्टिफाई कर रहें है इसपर सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा कि सज्जन कुमार को कभी टिकट नहीं दिया गया कभी कोई पद नहीं दिया गया मगर गुजरात दंगों में शामिल लोगों को वहां बड़े पद दिए गए।

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सिब्बल ने आगे कहा कि अदालत जो फैसला करती है वो एक क़ानूनी मामला है और प्रधानमंत्री जी को देखना चाहिए कि ऐसे कैसे बात हो रही है गुजरात दंगों पर भी इंसाफ होना चाहिए।

सिब्बल ने कहा कि देखिए अदालती फैसले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए अगर ऐसा होगा तो हमारे पास भी बहुत कुछ है बोलने के लिए।

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