कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आज (9 अप्रैल) को प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए नोटबंदी को लेकर कई बड़े ख़ुलासे किए हैं। उन्होंने मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी के दौरान आरबीआई में बार-बार करेंसी एक्सचेंज लेनदेन दिखाने के लिए रिलायंस जियो डेटाबेस का दुरुपयोग किया गया।

कपिल सिब्बल ने यह ख़ुलासा कैबिनेट सचिवालय में असिस्टेंट के पद पर तैनात राहुल रथरेकर के हवाले से किया। उन्होंने कहा कि राहुल रथरेकर बताते हैं कि कैसे रिलायंस जियो डेटाबेस का दुरुपयोग आरबीआई में बार-बार करेंसी एक्सचेंज लेनदेन दिखाने के लिए किया गया था।

सिब्बल ने कहा कि रथेरकर बताते हैं कि 1 लाख करोड़ की 3 सीरीज़ डुप्लीकेट में छपी और विदेश में छपे इन करेंसी नोटों को हिंडन एयरफोर्स बेस पर एयरफोर्स ट्रांसपोर्ट प्लेन में कैसे भारत लाया गया?

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रथेरकर ने यह भी बताया कि सत्तारूढ़ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह किस तरह से करेंसी की अदला-बदली को नियंत्रित कर रहे थे। कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो भी दिखाया। जिसमें उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के दौरान मुंबई में पुराने नोटों को बड़े पैमाने पर बदला गया था और इसमें बीजेपी के नेता शामिल थे।

वीडियो में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम के गोडाउन को दिखाया गया है। दावा किया गया है गोडाउन में पैसे बदले गए थे। सिब्बल ने दावा किया कि कमीशन के आधार पर इन नोटों को बदला गया था।

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कपिल सिब्बल ने राहुल रथरेकर के हवाले से दावा किया कि 26 लोगों को विशेष रूप से आरबीआई के साथ समन्वय और पर्यवेक्षण के लिए विभिन्न विभागों में भर्ती किया गया। उन्होंने पुष्टि की कि उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाली नई करेंसी वास्तव में 6 महीने पहले छपी थी।

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