देश के पूर्व 66 नौकरशाहों ने ‘चुनाव आयोग’ की इस लोकसभा चुनाव में भूमिका को लेकर चिंता जाहिर की है। पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग के खिलाफ सवाल उठाते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।
चुनाव आयोग पर सवाल इसीलिए उठा रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के लातूर में बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर वोट माँगा है और अबतक आयोग ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की है।
वहीं विपक्षी नेताओं के भाषण पर चुनाव आयोग स्वतः संज्ञान ले रहा है। देवबंद की रैली में एक ‘पक्ष’ से वोट करने की अपील को लेकर चुनाव आयोग ने बसपा प्रमुख मायावती से जवाब मांग लिया है।
चुनाव आयोग भी बना तोता! लगातार BJP ‘सेना’ के नाम पर वोट मांग रही है और EC चुप है, क्यों?
साथ ही सत्ताधारी बीजेपी के ऐसे कई नेता है जो लगातार भड़काऊ भाषण और आचार संहिता का भयंकर तरीके से उलंघन कर रहे हैं। लेकिन आयोग उनपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को ‘मोदीजी की सेना’ कहा मगर आयोग ने योगी को चेतावनी देकर छोड़ दिया! कहा कि योगी आगे से ऐसा न करें।
और एक बार फिर भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने लातूर में वोट मांगते हुए कहा कि, “संकल्प लीजिए, जो पहला वोट डालने जा रहे हैं, मैं पूछता हूं क्या आपका पहला वोट बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों ने नाम हो सकता है क्या? आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए, उनके नाम समर्पित हो सकता है क्या?”
66 पूर्व नौकरशाहों की शिकायत- मोदी ‘आचार सहिंता’ की धज्जियां उड़ा रहे हैं और EC चुप है
मोदी के इस बयान पर पत्रकार साक्षी जोशी ने लिखा, सेना का बार बार इस्तेमाल हो रहा है, खुद पीएम कर रहे हैं। चुनाव आयोग कब तक सोएगा?
‘क्या आपका पहला वोट बालाकोट एअरस्ट्राइक करने वाले वीर जवानों को डाला जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए!’ – लातूर में पीएम ने कहा
थोड़ी देर बाद कहा आपका ये वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाने वाला है
सेना का बार बार इस्तेमाल हो रहा है,खुद पीएम कर रहे हैं @ECISVEEP कब तक सोएगा?
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) April 9, 2019
चुनावी मौसम में आदर्श आचार संहिता ‘चुनाव आयोग’ ने लागू की है। मगर आचार संहिता का खूब उलंघन हो रहा है। कई बड़े नेताओं के खिलाफ आचार संचिता के उलंघन की शिकायत की गई है। ऐसे में जिस तरह से आयोग कार्रवाई कर रहा है। उससे प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी बच जाते हैं और विपक्षी नेता फंस जाते हैं! ऐसा क्यों है? इसका जवाब देश की जनता को भी सोचना चाहिए।