पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि रंजन गोगोई ने वो काम किया है, जिसका वह पहले विरोध करते थे।
कपिल सिब्बल ने आईएएनएस टीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि जब रंजन गोगोई सीजेआई थे तब उन्होंने कहा था कि कोई न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद स्वीकारता है तो यह संस्था पर धब्बा जैसा है। जबकि आज वह खुद इस काम को कर रहे हैं। वह ख़ुद सेवानिवृत्ति के बाद राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य बनाए जाने से लोगों में क्या धारणा बनेगी, हमें इसपर बात करनी चाहिए। हमें सोचना चाहिए कि इससे न्यायिक प्रणाली को लेकर जनता में क्या संदेश जा रहा है।
दिल्ली दंगों पर बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने वाले न्यायमूर्ति एस मुरलीधर का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “वे कहते हैं कि न्यायमूर्ति मुरलीधर 12 फरवरी को ही अपने दबादले पर सहमत हो गए थे, लेकिन उस समय वह एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने अगले दिन सुनवाई की तिथि रखी थी। रात 11 बजे यह फैसला आया। बात टाइमिंग की है, बात पब्लिक परसेप्शन की है”।
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उन्होंने कहा कि इससे लोगों के बीच यही संदेश गया कि जो सरकार के साथ रहेगा वह राज्यसभा तक जाएगा और जो पक्ष में नहीं होगा उसका तबादला भी हो सकता है। विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच भी चल सकती है।