सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रही केरल की पिनाराई विजयन सरकार के रवैये को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शर्मनाक बताया है। उन्होंने केरल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वामपंथी भारतीय इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता से नफ़रत करते हैं और उसका सम्मान नहीं करते।

केरल के कोलम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा देश पिछले कुछ समय से सबरीमाला पर चर्चा कर रहा है। इस मुद्दे पर केरल की एलडीएफ सरकार का रवैया इतिहास में बेहद शर्मनाक तौर पर जाना जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमें पता था कि वामपंथी भारतीय इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता का सम्मान नहीं करते लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि उन्हें इससे इस कदर नफरत होगी।

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अपनी पार्टी को भारतीय संस्कृति का रक्षक बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केरल और उसकी संस्कृति की रक्षा के लिए अगर कोई एक पार्टी खड़ी है तो वो भारतीय जनता पार्टी है। उन्होंने कहा कि सबरीमाला मुद्दे पर उनका रुख़ हमेशा से साफ रहा है और उनकी पार्टी की कार्रवाई उनके शब्दों से मेल खाती है। ग़ौरतलब है कि बीजेपी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है।

पीएम मोदी ने अपनी पार्टी के इस स्टैंड का समर्थन किया है, यानि वह सुप्रीम कोर्ट को भी संस्कृति से नफ़रत करने वाला समझते हैं! पीएम मोदी के इस बयान पर मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेंस एसोसिएशन (ऐपवा) की सचिव कविता कृष्णन ने प्रतिक्रिया दी है।

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “तो नरेंद्र मोदी आप यह कह रहे हैं कि केरल सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करनी चाहिए? आपके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट और भारतीय संविधान भी संस्कृति और परंपरा से नफ़रत करते हैं? तो फिर मुस्लिम पितृसत्ता- इंस्टेंट ट्रिपल तलाक़ कैसे संस्कृति नहीं है, लेकिन हिंदू पितृसत्ता संस्कृति है”?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमती दे दी थी। जिसके विरोध में तमाम हिंदूवादी संगठन सड़क उतर आए।

महिलाओं का प्रवेश रोकने के लिए राज्य में कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए। बीजेपी ने भी इस विरोध में अग्रणी भूमिका निभाई। जिसके चलते बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं पर प्रशासनिक कार्रवाई भी हुई।

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