पांच राज्यों में BJP की करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी को एक बड़े नेता के रूप में देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा से पहले बीजेपी की हार से जहां मोदी लहर का खात्मा हुआ है वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का नया युग शुरु हो गया है।

राहुल गांधी को अभी तक BJP से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक ने एक अपरिपक्व नेता की तौर पर पेश किया है। लेकिन जिस तरह से उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने हिंदी पट्टी के तीन राज्यों से बीजेपी का सफाया किया है, इसके बाद उनकी परिपक्वता पर सवाल उठाना जायज़ नहीं होगा।

पीएम मोदी लोकप्रियता के मामले में भले ही राहुल गांधी से आगे हों, लेकिन पांच राज्यों के चुनाव में जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया है।

इन राज्यों में BJP की हार का ठीकरा राज्य सरकारों पर फोड़कर भी पीएम मोदी को आलोचनाओं से नहीं बचाया जा सकता, क्योंकि पीएम मोदी ने इन तमाम राज्यों में जाकर ज़ोरदार प्रचार किया था।

उन्होंने इन राज्यों में पूरे दमख़म के साथ बीजेपी को बचाने की कोशिश की थी। लेकिन इसके बावजूद वह राहुल गांधी के सामने बीजेपी की सियासी नैया पार कराने में नाकाम रहे।

इन राज्यों के नतीजों ने जहां राहुल गांधी को एक मजबूत दावेदार के तौर पर खड़ा किया है, वहीं पीएम मोदी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कई राजनीतिक जानकारों ने पीएम मोदी के नेतृत्व को डूबता हुआ जहाज़ बताया है तो राहुल गांधी को चढ़ता हुआ सूर्य। इसी फेहरिस्त में अब बीजेपी के निलंबित सांसद कीर्ति आज़ाद ने राहुल गांधी के बढ़ते वर्चस्व की प्रशंसा की है।

उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “भक्तों के पप्पू अब भक्तों के पापा बन गए हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत के लिए राहुल गांधी को बधाई। यह बीजेपी के लिए आत्ममंथन का वक्त है। मोदी जी हेकड़ी, नेहरू, गांधी और राम मंदिर काम नहीं करेगा, प्रदर्शन मायने रखता है”। 

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