रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। टीआरपी स्कैम और व्हाट्सएप चैट लीक के बाद अब उनके ख़िलाफ़ एक और मामला सामने आया है।

ख़बर है कि अर्नब के चैनल रिपब्लिक टीवी को प्रसार भारती की डीटीएच सेवा डीडी फ्रीडिश पर मुफ्त में ग़ैरकानूनी तरीके से प्रसारित किया गया। जिससे सरकारी ख़ज़ाने को करीब 8 से 12 करोड़ रुपए सालाना का नुकसान हुआ।

दरअसल डीटीएच का एक्सेस हासिल करने के लिए चैनल्स को ऑक्शन के प्रोसेस से गुजरना होता है। एक्सेस मिलने के बाद चैनल को हर साल 8-12 करोड़ रुपए की कैरिज फीस देनी होती है। लेकिन रिपब्लिक टीवी ने इस एक्सेस के लिए कोई फीस नहीं दी। चैनल पिछले दो साल से डीटीएच पर मुफ्त में चलता रहा।

यह मामला उस वक्त सामने आया जब प्रतिद्वंदी ने इस संबंध में प्रसार भारती से शिकायत की। लेकिन शिकायत के बाद भी सितंबर 2019 तक चैनल को यह एक्सेस मिलता रहा।

इसके ज़रिए चैनल 22 मिलियन लोगों के घर पहुंच गया। वहीं कथित तौर पर फ्री एक्सेस के चलते प्रसार भारती को तकरीबन 25 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ।

शिकायत के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) की तरफ से डिश टीवी को एक पत्र भी भेजा गया था। जिसमें रिपब्लिक टीवी की तरफ से डीडी फ्रीडिश के ग़ैरकानूनी तरीके से प्रयोग के बारे में पूछताछ की गई थी।

जवाब में डिश टीवी ने कहा था कि सरकार के निर्देशों के अनुसार सभी चैनलों और सेवाओं को एनक्रिप्टेड कर दिया गया है।

फिलहाल सरकार की तरफ से रिपब्लिक टीवी द्वारा 2 साल तक फ्रीडिश सेवा के जरिये बिना एक्सेस फीस दिए एक्स्ट्रा व्यूवरशिप हासिल करने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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