नोटबंदी के सिर्फ़ 13 दिन बाद मोदी के क़रीबी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अमेरिकी बेटे विवेक डोभाल टैक्स हैवेन केमैन आईलैंड में कम्पनी बनाते हैं और यहीं से शुरू हो जाता है निवेश के नाम पर ब्लैक को व्हाइट करने और फ़र्ज़ीवाड़े का सिलसिला। The Carvaan magazine को अमेरिका, इंग्लैंड, केमैन आईलैंड से मिले दस्तावेज़ों से यह ख़ुलासा हुआ है।
भाजपा मोदी को मज़बूत नेता और मोदी सरकार को निर्णायक सरकार बताती रही है। और उस मज़बूत सरकार के लिए निर्णायक फ़ैसले लेने का श्रेय हमेशा एनएसए अजित डोभाल को दिया जाता रहा है।… देश की मीडिया ने भी उन्हें किसी हीरो की तरह पेश किया है।
चुनाव फिर से सर पर हैं और मोदी जी अपनी रैलियों में फिर से देश की जनता से मज़बूत सरकार देने की गुज़ारिश कर रहे हैं।… उन्हें जनता 2014 वाली मज़बूती के साथ वापस लाती है या नहीं ये देश की जनता ही तय करेगी। लेकिन उन्हें इससे पहले इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि जो मज़बूती जनता ने उन्हें 2014 के चुनाव में दी थी क्या उसका ये सिला है?
‘बाप डोभाल’ टैक्सचोरी के बहाने नोटबंदी करवाता है और ‘बेटा डोभाल’ फर्जी कंपनी चलाता है, ये डी कंपनी है
मोदी जी आपका बेहद क़रीबी अफ़सरशाह आपके नाक के नीचे अपनी औलादों को लूट की खुली छूट दे रहा है।… आख़िर कब बोलेंगे आप?
The Carvaan की रिपोर्ट-
खोजी मैगज़ीन THE CARVAAN ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटों पर हिला देने वाला ख़ुलासा किया है। इंग्लैंड, अमेरिका, सिंगापुर, केमैन आईलैंड से दस्तावेज़ जुटाकर पत्रिका ने डोभाल के बेटों के ब्लैक को व्हाइट करने और देश के पैसे को देश से बाहर भेजने के कारोबार को ख़ुलासा कर दिया है।
पत्रिका ने इस ख़ुलासे को जो नाम दिया है वो भी बड़ा दिलचस्प है। एनएसए अजित डोभाल और उनके दो बेटों शौर्य और विवेक के कारनामों को उजागर करने वाली इस रिपोर्ट को पत्रिका ने शीर्षक दिया है- “D कंपनी का अर्थ अभी तक दाऊद इब्राहीम का गैंग ही होता था, लेकिन भारत में एक और ‘D‘ कंपनी आ गई है।
कारवां को विवेक और बडे़ भाई शौर्य की कंपनियों के बीच प्रशासनिक संबंध का पता चला है. (विवेक अमेरिकी नागरिक हैं और वो सिंगापुर में रहते हैं) और वोशौर्य के भारतीय व्यवसायों से संबंधित बहुत से कर्मचारी GNY ASIA और उसकी कंपनियों के साथ करीब से जुड़े हैं. दोनों भाइयों के कारोबार के तार सऊदी अरब के सत्तारूढ़ परिवार सऊद घराने से जुड़े हैं.
- अमेरिकी सरकार को 2018 के मध्य में जमा की गई अपनी रिपोर्ट में जीएनवाई एशिया ने अपनी कुल सम्पत्ति 19 मिलियन डॉलर बताई है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि, नोटबंदी के महज़ 13 दिन बाद अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल केमैन आइलैंड में अपनी कम्पनी का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं और ब्लैक को व्हाइट और भारत के पैसे को भारत से बाहर भेजने का फ़र्ज़ीवाड़ा शुरू हो जाता है।
NSA डोभाल के बेटों की फर्जी कंपनियों के जाल का खुलासा: नोटबंदी के बाद की गई करोड़ों की हेरफेर
ये एक गोरखधंधा है जिसे हेज फ़ंड कहते हैं। इस हेज फ़ंड के तहत निवेश के नाम पर पैसों का हेर फेर शुरु हो जाता है। नोटबंदी के बाद विदेशी निवेश के तौर पर सबसे अधिक पैसा भारत में केमैन आइलैंड से आया था। 2017 में केमैन आइलैंड से आने वाले निवेश में 2,226 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
जूनियर डोभाल ने अपने गोरखधंधे के लिए केमैन आईलैड को इसलिए चुना क्योंकि ये टैक्स हैवेन जगह है। 2011 में बीजेपी द्वारा प्रायोजित एक लेख में डोभाल ने लिखा था कि टैक्स की चोरी के अड्डों पर सख़्त एक्शन लेना चाहिए। अब तो उनका बेटा ही टैक्स चोरी वाले अड्डे पर कारोबार कर रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, विवेक की कम्पनी में काम करने वाली कम्पनी के बहुत से कर्मचारी अजित डोभाल के दूसरे बेटे शौर्य डोभाल की कम्पनी के काम करते हैं। यानी बहुत बड़ा फ़ाइनेंनशियल नेटवर्क चल रहा है। शौर्य मोदी सरकार के क़रीबी थिंक टैंक इंडिया फ़ाउंडेशन के मुखिया हैं।